संसद में आसन पर टिप्पणी सदन की गरिमा का उल्लंघनः महुआ मित्रा मामले में बोले स्पीकर

उन्होंने कहा कि सदन के अंदर और बाहर अध्यक्षपीठ पर की गई टिप्पणी सदन की गरिमा और मर्यादा का उल्लंघन है. सदन की एक उच्च कोटि की मर्यादा है जिसका सम्मान सभी माननीय सदस्य करते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला महुआ ​मोइत्रा के मामले पर अपनी टिप्पणी दे रहे थे.

नई दिल्ली:

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पिछले कुछ दिनों से सदन में चल रहे घटनाक्रम से खासे नाराज हैं. उन्होंने शुक्रवार को सदन में अपनी नाराजगी जाहिर की. अध्यक्ष पीठ पर की गई टिप्पणियों पर स्पीकर ओम बिरला ने कड़ा रुख अपनाते हुए सदन में नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि सदन के अंदर और बाहर अध्यक्षपीठ पर की गई टिप्पणी सदन की गरिमा और मर्यादा का उल्लंघन है. सदन की एक उच्च कोटि की मर्यादा है जिसका सम्मान सभी माननीय सदस्य करते हैं. उन्होंने कहा कि आसन का प्रयास होता है कि सदन निष्पक्ष रूप से नियम और प्रक्रियाओं से संचालित हो.

उन्होंने कहा, "अध्यक्षपीठ पर बैठने वाले सदस्य को भी अध्यक्ष के सभी संवैधानिक अधिकार होते हैं. सदस्य या किसी अन्य व्यक्ति को आसन के बारे में टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. इससे हमारे संसदीय लोकतंत्र पर आघात पहुंचता है."

'विपक्ष में बैठकर सरकार को लड्डू पेड़ा नहीं खिलाऊंगी' : NDTV से बोलीं TMC सांसद महुआ मोइत्रा 

उन्होंने कहा, "सदन के अंदर व बाहर की जाने वाली टिप्पणियों को मैंने गंभीरता से लिया है. सदस्य सदन में, सदन के बाहर और सोशल मीडिया पर टिप्पणी नहीं करें, यही उचित होगा. हमारा व्यवहार, आचरण सदन की मर्यादा के अनुकूल होना चाहिए. मेरी अपेक्षा है कि सदस्य सदन और आसन की गरिमा बढ़ाने में सहयोग करेंगे."

Advertisement

आप अनुमति नहीं दे सकते, यह काम मेरा है: स्पीकर ओम बिरला ने लगाई राहुल गांधी को लताड़

स्पीकर महुआ ​मोइत्रा के मामले पर अपनी टिप्पणी दे रहे थे. गौरतलब है कि महुआ मोइत्रा ने सभापति पर बोलने के लिए कम समय देने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में 12 घंटे बोलने का समय है, बीजेपी को 6 घंटे मिलनते हैं जबकि टीमएमसी को केवल 30 से 35 मिनट. इसमें 20 मिनट सौगत रॉय ने बोला और उन्होंने 13 मिनट मांगे थे. मोइत्रा का कहना है कि उनका एक पैराग्राफ बाकी था, लेकिन उनकी बात को काट दिया गया और जब उन्होंने चेयर से बार बार अनुरोध किया तो उन्हें कहा गया कि वे गुस्से में क्यों बोल रही हैं. बरहाल स्पीकर की बात का कॉग्रेस, तृणमूल, शिवसेना, डीएमके आदि पार्टियों ने समर्थन किया है.

Advertisement
Topics mentioned in this article