बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने डिप्टी सीएम रेणु देवी (Renu Devi) के उस बयान को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं चाहिए. उपमुख्यमंत्री का नाम लिए बिना, नीतीश कुमार ने कहा कि विशेष दर्जा बिहार के लिए बहुत आवश्यक है. अगर कोई कहता है कि ऐसा नहीं है, तो संभव है कि उस व्यक्ति को इस मुद्दे की समझ नहीं है और वह अनजान है. दरअसल, शनिवार को भाजपा की रेणु देवी ने पटना में पार्टी कार्यालय में कहा था कि विशेष दर्जे की कोई आवश्यकता नहीं है. केंद्र काफी मदद कर रही है. विशेष राज्य का दर्जा मिलने से क्या होगा? अभी उससे ज्यादा मदद मिल रही है. जो भी हो रहा केंद्र के पैसे से हो रहा है.
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बता दें कि जून में नीति आयोग की रिपोर्ट में सतत विकास लक्ष्य सूचकांक में बिहार को 100 में से 52 अंकों के साथ सबसे नीचे रखा गया था. कई वर्षों से बिहार सबसे आखिरी में बना हुआ है. इसको लेकर सीएम नीतीश लगातार विशेष दर्जे की मांग कर रहे हैं. नीतीश सरकार लगातार यह तर्क देती रही है कि संसाधन संपन्न राज्य झारखंड के अलग राज्य बन जाने से बिहार राज्य बुरी तरह प्रभावित हुआ है. साथ ही राज्यों के बीच टैक्स के बंटवारे के केंद्र के नए फॉर्मूले ने भी उसकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं.
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मुख्यमंत्री नीतीश लगातार इस मुद्दे को केंद्र के सामने रख रहे हैं. वहीं बिहार के विशेष दर्जे के अनुरोध पर केंद्र ने कभी औपचारिक रूप से प्रतिक्रिया नहीं दी. वहीं जब 14 वें वित्त आयोग ने विशेष दर्जा देने के कॉन्सेप्ट को हटाया था तब तत्कालीन केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने 2018 में कहा था कि अब केवल पूर्वोत्तर के राज्यों को ही विशेष दर्जा दिया जा सकता है. वहीं अक्टूबर 2018 में 15वें वित्त आयोग के प्रमुख एनके सिंह ने कहा था कि इसे विशेष श्रेणी का दर्जा प्रदान करने का अधिकार नहीं था, क्योंकि यह हमारे दायरे से बाहर था.