त्रिपुरा में ‘कनेक्टिविटी' (संपर्क) में ‘उल्लेखनीय सुधार' होने का दावा करते हुए मुख्यमंत्री माणिक साहा ने शनिवार को कहा कि साबरूम को बांग्लादेश के रामगढ़ से जोड़ने वाले मैत्री पुल को जनता के लिए खोल दिये जाने के बाद यह राज्य दक्षिणपूर्व एशिया के लिए प्रवेशद्वार के रूप में उभरेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नौ मार्च को फेनी नदी के ऊपर बने मैत्री पुल का उद्घाटन किया था.
अधिकारियों ने बताया कि चटगांव बंदरगाह से महज 74 किलोमीटर दूर स्थित इस पुल को शेख हसीना सरकार द्वारा बांग्लादेश सीमा के अंदर सीमाशुल्क एवं आव्रजन सुविधाएं उपलब्ध करा दिए जाने के बाद यातायात के लिए खोल दिया जाएगा. स्वयं सहायता समूहों द्वारा यहां आयोजित शहरी समृद्धि उत्सव नामक प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद साहा ने कहा, ‘‘मैत्री पुल के पूरी तरह चालू हो जाने के बाद त्रिपुरा का भविष्य उज्ज्वल हो जाएगा. यह पूर्वोत्तर राज्य शीघ्र ही दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों के लिए भारत के गलियारे का प्रवेशद्वार बन जाएगा.''
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में राज्य में कनेक्टिविटी में काफी सुधार आया है और ढाका के रास्ते अगरतला एवं कोलकाता के बीच दूरी कम करने वाला भारत-बांग्लादेश रेलवे लिंक अगले साल तक बनकर तैयार हो जाने एवं चालू हो जाने की संभावना है.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘फिलहाल छह राष्ट्रीय राजमार्गों के उन्नयन का काम चल रहा है और सात और ऐसी परियोजनाओं के लिए बजट मंजूर कर लिया गया है.'' उन्होंने कहा कि केंद्र ने चार रोपवे के निर्माण के लिए धनराशि मंजूर कर दी है. त्रिपुरा में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
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