आज आम आदमी पार्टी से जुड़े एक या दो नहीं तीन-तीन बड़े घटनाक्रम हुए हैं. आतिशी ने राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश का आरोप लगाया है. वहीं डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया ने अंतरिम जमानत के लिए कोर्ट का दरवाजा फिर खटखटाया और दस सांसदों वाली आम आदमी पार्टी के ज्यादातर सांसद इस मुश्किल घड़ी में गायब से हो गए हैं. वे उतनी मुखरता के साथ अरविंद केजरीवाल और पार्टी का साथ नहीं दे रहे हैं. इससे आम आदमी पार्टी में टूट को लेकर सवाल उठ खड़े हुए हैं. क्या आम आदमी पार्टी में बड़ी टूट होने वाली है?
आतिशी के आरोप
आज आम आदमी पार्टी की तरफ से दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने बड़ा आरोप लगाया. प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आतिशी ने कहा कि उन्हें ये पता चला है कि दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश हो रही है. आतिशी ने अपने आरोप को साबित करने के लिए कोई लिखित या वीडियो सबूत तो प्रेस कांफ्रेंस में नहीं दिए पर ये जरूर कहा कि उन्हें ऐसा उपराज्यपाल के व्यवहार की वजह से लग रहा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती नहीं हो रही है, जबकि कई पद खाली हैं. साथ ही उपराज्यपाल लगातार केंद्र सरकार को पत्र लिखकर राज्य सरकार की शिकायतें कर रहे हैं. आतिशी ने मंत्री पद से राजकुमार आनंद के इस्तीफे को भी बीजेपी की इसी साजिश का हिस्सा बताया.
भाजपा का पलटवार
दरअसल, दो दिन पहले ही दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की याचिका को खारिज करते हुए अपने फैसले में कहा था कि शराब घोटाले में सीएम की भूमिका की जांच करने में ईडी कोई गलती नहीं कर रहा है और इस घोटाले से मिली रिश्वत के लिए भी ईडी की जांच जारी रहनी चाहिये. तब से बीजेपी नेताओं ने दिल्ली की सड़कों पर उतरकर आम आदमी पार्टी के खिलाफ प्रदर्शन किए और केजरीवााल के इस्तीफे की मांग की. अब आतिशी के आरोपों पर भी बीजेपी पलटवार करने से पीछे नहीं रही. बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने कहा है कि सत्ता के लोभी जेल से सरकार चलाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि झूठ बोलने की जगह इन्हें दिल्ली की चिंता करनी चाहिए.
सिसोदिया की बेल याचिका
इधर, चुनाव नजदीक आता देख तिहाड़ में ही बंद आम आदमी पार्टी के दूसरे बड़े नेता औऱ दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जमानत के लिए फिर अदालत की शरण में जाने का मन बनाया. सिसोदिया के वकील ने कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा कि वो पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं. एक साल से ऊपर समय से वो जेल में हैं. उनकी पार्टी चुनाव लड़ रही है और वो लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार करना चाहते हैं. मनीश सिसोदिया की इस याचिका पर अदालत ने आज ईडी और सीबीआई को समन करके जवाब मांगा है. कोर्ट ने सीबीआई और ईडी को जवाब देने के लिए समय देते हुए मामले की सुनवाई 20 अप्रैल को सुबह 10 बजे करने का फैसला किया है.
केवल 5 चेहरे क्यों बोले रहे?
मगर इन सब से ज्यादा आम आदमी पार्टी में भीतर-भीतर तरह-तरह की सुगबुगाहट चल रही है. दरअसल, अपने सबसे बडे़ नेताओं के जेल चले जाने और केजरीवाल पर ही घूस लेने के इल्जामों के बाद पार्टी में बहुत बैचेनी है. पार्टी के संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में हैं. पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जेल में हैं. पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन जेल में हैं. सांसद संजय सिंह छह महीने जेल में रहने के बाद हाल में ही बाहर आए हैं. ये सब तब हो रहा है, जब लोकसभा चुनाव चल रहा है. हालत यह है कि आम आदमी पार्टी अभी तक कैंपेन भी शुरू नहीं कर पाई है. वहीं दिल्ली सरकार के मंत्री राजकुमार आनंद ने मंत्री पद और पार्टी दोनों से ही अचानक इस्तीफा दे दिया और अपनी ही सरकार पर करप्शन का साथ देने के कई गंभीर आरोप लगा दिए. इन दिनों आम आदमी पार्टी के सिर्फ चार चेहरों और केजरीवाल परिवार से एक चेहरे को ही अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में अपनी बात रखते हुए देखा जा रहा है. ये हैं आतिशी, सौरभ भारद्वाज, संजय सिंह, संदीप पाठक और सुनीता केजरीवाल.
बाकी के सांसद कहां हैं?
आतिशी और सौरभ भारद्वाज दिल्ली सरकार में मंत्री हैं तो वहीं संजय सिंह सांसद हैं. आम आदमी पार्टी से शुरू से जुड़े रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि आम आदमी पार्टी के पास नेताओं की कमी है. पार्टी के पास संसद में 10 सांसद हैं और ये सभी राज्यसभा के ही सांसद हैं, लेकिन ज्यादातर इस समय गायब हैं. उनकी ये चुप्पी कई सवाल सियासी हलकों में खड़ी कर रही है. पार्टी का सबसे बड़ा संकटकाल चल रहा है और ये लोग या तो जानबूझकर किसी खौफ से चुप हैं या फिर पार्टी की गिरती छवि के साथ खुद को दूर रखना चाहते हैं. हालांकि, सबके पास दिल्ली में न होने की अपनी-अपनी वजहें हैं, लेकिन ये वजह क्या उस वक्त मायने रखती है, जब वो पार्टी मुसीबत में है, जिसने उन्हें सांसद बनाया. ये सभी लोग शुरूआत से आम आदमी पार्टी के साथ नहीं जुडे़ हैं, बल्कि ज्यादातर ने कुछ समय पहले ही झाड़ू का दामन थामा है. अब एक-एक कर आम आदमी पार्टी के गायब सभी सांसदों के बारे में भी जान लें.
राघव चड्ढा को मार्च में ही लौटना था
राघव चड्ढा सबसे जाना पहचाना चेहरा हैं. हर मुद्दे पर पार्टी का बचाव करते रहे हैं. खुलकर केंद्र सरकार पर हमलावर रहे हैं. पंजाब में सरकार बनाने से लेकर शुरूआती दिनों में तो मान सरकार चलाने में भी इनकी भूमिका मानी जाती है. राघव चड्ढा पंजाब से सांसद हैं. आंखों की सर्जरी के लिए फिलहाल लंदन में हैं. मार्च के अंत तक लौटने का कार्यक्रम था. अभी तक नहीं लौटे हैं. उन्होंने 22 मार्च को एक बयान जारी किया. उस बयान में उन्होंने खुद का वीडियो पोस्ट किया और उसमें लिखा था, "केजरीवाल सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि एक सोच का नाम है. केजरीवाल के शरीर को तो गिरफ्तार कर लोगे, उनकी सोच को नहीं कर पाओगे." उन्होंने विपक्षी नेताओं और सुनीता केजरीवाल के कई ट्वीट रीट्वीट किए. इसके बाद 24 तारीख को उन्होंने ट्वीट किया और विपक्षी दलों के मेगा रैली की जानकारी दी. इसके बाद उन्होंने 29 मार्च को अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, "यदि आप भी अपने बेटे, अपने भाई अरविंद केजरीवालतक अपना कोई संदेश पहुंचाना चाहते हैं तो नीचे दिये लिंक पर क्लिक करें और अपना मेसेज भेजें." फिर 30 मार्च को राघव चड्ढा ने अरविंद केजरीवाल की पत्नी और हेमंत सोरेन की पत्नी के वीडियो को अपने एक्स अकाउंट पर डाला. फिर उन्होंने 2 अप्रैल को संजय सिंह को जमानत मिलने पर लिखा, "आज हर आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता के लिए बहुत भावुक दिन है. हमारे शेर संजय सिंह की रिहाई से आज वो खुशी है जो शब्दों में बयान नहीं की जा सकती. जय बजरंग बली!"
भाजपा पर नहीं हो रहे गरम
अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए उन्होंने तीन अप्रैल को ट्वीट किया. बीच में एक-दो ट्वीट और किए. नौ अप्रैल को नवरात्रि की शुभकामनाएं दी और 10 अप्रैल को आम आदमी पार्टी के प्रेस कॉन्फ़्रेंस को रीट्वीट किया. पिछले दो दिनों से उन्होंने कोई ट्वीट या रीट्वीट नहीं किया है..मंत्री के इस्तीफे और आरोपों पर भी कोई ट्वीट नहीं है.वीडियो संदेश 22 मार्च के बाद ही उन्होंने जारी नहीं किया, जबकि तकनीक के दौर में कोई कहीं से कभी भी वीडियो संदेश जारी कर सकता है. पहले भी राघव चड्ढा हर मुद्दे पर मुखर रहे हैं,लेकिन इस बार उनकी गैर-हाजिरी के कारण अफवाहों और अटकलों का बाजार गर्म हो गया है, क्योंकि अभी तक राघव के तमाम पोस्ट में बीजेपी पर उस अंदाज में हमला नहीं दिखा, जिसके लिए वो जाने जाते हैं.
स्वाति मालीवाल भी गायब
हालांकि, ऐसा नहीं है कि सिर्फ राघव चड्ढा ही दूर नजर आ रहे हैं. दूसरा बड़ा नाम है स्वाति मालीवाल. दिल्ली महिला आयोग की लंबे समय तक अध्यक्ष रहीं. अपने जुझारू रवैये के कारण स्वाति हमेशा सुर्खियों में रही हैं और बढ़-चढ़कर बीजेपी के खिलाफ प्रदर्शनों में हिस्सा लेती रही हैं. उनकी इसी प्रतिभा के चलते पार्टी आलाकमान ने उन्हें हाल ही में दिल्ली से राज्यसभा की सीट सौंपी है. पार्टी का उन्हें महिला चेहरा माना जाता है.अरविंद केजरीवाल की कोर टीम की सदस्य हैं. मगर संकट के समय स्वाति मालीवाल अमेरिका में हैं. बहन के इलाज के लिए अमेरिका गईं हैं. अभी तक वापस नहीं लौटी हैं.
नहीं दिखा रहीं तेवर
21 मार्च को अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद वो लगातार ट्वीट कर रही हैं. दूसरे नेताओं और पार्टी के ट्वीट को रीट्वीट भी कर रही हैं. 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उन्होंने एक्स अकाउंट पर लिखा, "केजरीवाल की गिरफ्तारी देश की राजनीति में नयी क्रांति का आगाज बनेगी. एक इंसान को कैद कर सकते हो, उसकी सोच को कैसे कैद करोगे. भारत तानाशाही मुक्त होगा…!" 3 अप्रैल को उन्होंने संजय सिंह को जमानत मिलने पर लिखा, "संजय सिंह के बाहर आने से आज हर आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता भावुक है. 6 महीने तक जेल की सलाखें उनका हौसला नहीं तोड़ पाईं. लड़ेंगे, जीतेंगे..संजय सिंह शेर हैं. दिलचस्प ये है कि वो रीट्वीट तो कर रही हैं, लेकिन अप्रैल महीने में उनका लिखा ऐसा कुछ भी एक्स अकाउंट पर नजर नहीं आता, जिसमें दिल्ली के मंत्री के इस्तीफे पर उन्होंने कुछ लिखा हो या फिर अरविंद केजरीवाल पर. वीडियो संदेश एक भी नहीं है.
हरभजन सिंह IPL में व्यस्त
अब बात हरभजन सिंह की. हालांकि पार्टी ने दावा किया था कि कार्यकर्ताओं को टिकट पर जोर रहेगा और जनता से पूछकर टिकट दिया जाएगा, लेकिन पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह को किनसे पूछकर टिकट दिया गया ये तो पार्टी ही बता सकती है, लेकिन अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उनका कोई बयान नजर नहीं आया. उनके एक्स अकाउंट पर एक भी पोस्ट नहीं दिखा, जिसमें उन्होंने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर कुछ लिखा हो. लंबे समय से वैसे वो पार्टी की किसी गतिविधियों में शामिल नहीं हुए हैं. फिलहाल वो आईपीएल की कमेंट्री में व्यस्त हैं.
अशोक कुमार मित्तल कहां हैं?
आम आदमी पार्टी के कुछ ऐसे सांसद भी हैं, जिनके बारे में गिने-चुने लोग ही शायद जानते हों पर ये लोग सांसद हैं. सबसे पहृले बात अशोक कुमार मित्तल की. पंजाब में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के संस्थापक हैं. ऑटो, बेकरी का बिजनेस है. जालंधर और उसके आसपास लवली ऑटो के 25 से ज्यादा स्टोर हैं. इसके साथ ही ये आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद हैं. मार्च 2022 से राज्यसभा में सांसद हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद इनका कोई बयान हमें कम से कम नजर नहीं आया है.
संजीव अरोड़ा एक फोटो में दिखे
अब बात आम आदमी पार्टी के एक और राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा की. लुधियाना के बड़े कारोबारी हैं. रीयल एस्टेट, गारमेंट्स का कारोबार है. ब्रेस्ट कैंसर पर चैरिटेबल ट्रस्ट है. पहले राजनीति से कोई लेना-देना नहीं रहा, लेकिन अब आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद हैं. इनके एक्स प्रोफाइल पर जाने पर पता चला कि उन्होंने भी केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद कोई ट्वीट नहीं किया. हालांकि गुरुवार को उन्होंने एक तस्वीर ट्वीट की है. इस तस्वीर में अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल के साथ खुद संजीव अरोड़ा और साथ में सांसद अशोक कुमार मित्तल और सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी भी नजर आ रहे हैं. ये तस्वीर उन खबरों के बाद आई है, जिसमें इन सांसदों के गायब रहने पर सवाल उठ रहे हैं. ये ना तो पार्टी द्वारा दिल्ली में आयोजित इंडिया ब्लॉक की रैली में दिखे और ना ही मीडिया के सामने पार्टी का पक्ष रखते हुए.
विक्रमजीत सिंह साहनी बोले भी नहीं
विक्रमजीत सिंह साहनी भी आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद हैं. उनका भी कोई बयान केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद सामने नहीं आया. ने काउंसुलेट रह चुके हैं. सन फाउंडेशन के चेयरमैन हैं. वर्ल्ड पंजाबी ऑर्गेनाइजेशन के इंटरनेशनल प्रेसिडेंट हैं. पद्मश्री से सम्मानित हैं.
संत बलवीर सिंह सीचेवाल भी चुप
आम आदमी पार्टी के एक और सांसद हैं संत बलवीर सिंह सीचेवाल. नदियों में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए जाने जाते हैं. 160 किलोमीटर लंबी काली बेन नदी की सफाई का श्रेय इन्हें दिया जाता है. पद्मश्री से सम्मानित किए गए. 2022 में राज्यसभा सांसद बने. अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ इन्होंने कुछ कहा हो ऐसा हमें नहीं मिला. हालांकि आम आदमी पार्टी का साफ कहना है कि सभी आरोप पूरी तरह निराधार हैं. पार्टी मुश्किल घड़ी में एकजुट है.