"अधिकारियों की सलाह को खारिज कर दिया गया था...", CM जगन मोहन रेड्डी ने चंद्रबाबू नायडू पर साधा निशाना

घोटाले में कथित संलिप्तता के लिए एक अदालत द्वारा 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद नायडू वर्तमान में राजामहेंद्रवरम की एक जेल में बंद हैं.

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हैदराबाद:

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने शनिवार को अपने पूर्ववर्ती और तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू पर राज्य के कौशल विकास निगम से जुड़े 371 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार मामले में एक फर्जी समझौते के माध्यम से एक गैर-मौजूद कंपनी को "प्रचारित करने और बढ़ावा देने" का आरोप लगाया. पूर्वी गोदावरी के निडदवोलू में एक जनसभा में रेड्डी ने कहा कि न केवल राज्य सरकार की एजेंसियों बल्कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी इस फर्जी समझौते (कौशल विकास मामले) में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया है. उन्होंने कहा कि इस घोटाले को अंजाम देने वाले व्यक्ति का नाम चंद्रबाबू नायडू है. 

"अधिकारियों के सुझाव पर ध्यान नहीं दिया गया था"

रेड्डी ने दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री ने उन सरकारी अधिकारियों की चेतावनियों को खारिज कर दिया, जिन्होंने समझौते पर आगे नहीं बढ़ने की सलाह दी थी उन अधिकारियों को आगे बढ़ने के लिए "मजबूर" किया था.उन्होंने कहा कि आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने सबूतों के ये सभी हिस्से पेश किए, जबकि ईडी की जांच में फर्जी कंपनियों को भेजे गए धन का पता चला है. जिसके परिणामस्वरूप और गिरफ्तारियां हुईं है.

"अदालत में 10 घंटे की बहस में चुप रहे नायडू"

सीएम  रेड्डी ने कहा कि आईटी विभाग ने चंद्रबाबू नायडू के निजी सहायक से जुड़े आपत्तिजनक चैट का भी पता लगाया है, जिसमें फर्जी समझौतों को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार लोगों को शामिल किया गया था.पूर्व मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि चंद्रबाबू नायडू, जिन्होंने शुरू में सरकार से सवाल करने की कसम खाई थी, अदालत में 10 घंटे की बहस के दौरान "चुप हो गए".

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TDP ने निकाला कैंडल मार्च

इस बीच, टीडीपी ने चंद्रबाबू नायडू के साथ एकजुटता दिखाते हुए "झूठे आरोपों" और "अनैतिक गिरफ्तारी" के खिलाफ न्याय की मांग करते हुए एक कैंडल मार्च का आयोजन किया. नायडू की पत्नी, भुवनेश्वरी, और उनकी बहू, ब्राह्मणी, राजमुंदरी में कैंडल मार्च में शामिल हुईं.

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टीडीपी महासचिव और नायडू के बेटे नारा लोकेश ने गिरफ्तारी को एक भ्रष्ट मुख्यमंत्री द्वारा उन्हें सत्ता से बाहर करने के लिए पार्टी के लोकप्रिय अभियान में बाधा डालने का प्रयास बताया. उन्होंने जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा दर्ज धन के कथित दुरुपयोग सहित कई आपराधिक मामलों में प्रगति की धीमी गति पर भी सवाल उठाया. 

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