झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को रांची में दो टूक शब्दों में कहा कि अगर वो मुजरिम हैं तो उन्हें सजा मिलनी चाहिए. संवाददाता सम्मेलन में सीएम सोरेन से जब पूछा गया कि राज्यपाल ने चुनाव आयोग की उनके 'ऑफिस ऑफ प्रॉफिट' मामले में सदस्यता को लेकर अनुशंसा पिछले कई हफ्तों से लटकाया हुआ है, इस पर आप क्या कहेंगे, तो उन्होंने कहा कि ये देश की पहली घटनी है, जहां मुख्यमंत्री को क्या सजा मिलनी है, उसका वो खुद आग्रह कर रहा है.
हेमंत सोरेन ने कहा कि आपने कभी किसी मुजरिम को सजा मांगने का आग्रह करते नहीं देखा होगा, अगर मैं मुजरिम हूं तो मुझे सजा सुना दिया जाए. उन्होंने कहा कि मुझे कोई चिंता नहीं है. राज्यपाल का नाम लिए बिना मुख्यमंत्री ने कहा कि ये अनिश्चितता और राज्य के कार्यपालिका के अंदर संशय की स्थिति उत्पन्न करने के लिए कोई जिम्मेदार है, तो आप समझ सकते हैं कि जिम्मेदारी किसकी है.
वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जब ये पूछा गया कि क्या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान से आप सहमत हैं कि झारखंड और बिहार में माओवादी समस्या का खात्मा हो गया है? तो उन्होंने कहा कि ये बहुत हद तक कम हुआ है, लेकिन इस काम में राज्य सरकारों की एक अहम भूमिका रही है.