'अगर हमारे डॉक्टर हड़ताल पर होंगे तो हम कोरोना से कैसे लड़ेंगे' : पीएम मोदी को सीएम केजरीवाल का पत्र

प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में सीएम केजरीवाल ने कहा है कि एक तरफ जहां ऑमिक्रॉन कोरोना वायरस बहुत तेजी से फैलता जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में केंद्र शासित अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल पर हैं.

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सीएम केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'केंद्र के डॉक्टर कई दिनों से हड़ताल पर हैं. इन्होंने कोरोना में अपनी जान की बाजी लगाकर सेव की.
नई दिल्ली:

राजधानी दिल्ली (Delhi Coronavirus Update) में कोरोना वायरस के साथ-साथ नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) के भी मामले तेजी से बढ़ रहे है. वहीं दूसरी तरफ NEET-PG काउंसिलिंग में देरी के विरोध में हजारों डॉक्टर (Doctors) हड़ताल पर हैं, जिसके मद्देनजर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है. दरअसल, सीएम केजरीवाल ने पत्र को ट्वीट करते हुए लिखा, ''केंद्र के डॉक्टर कई दिनों से हड़ताल पर हैं. इन्होंने कोरोना में अपनी जान की बाजी लगाकर सेव की. कोरोना फिर बढ़ रहा है. इन्हें अस्पतालों में होना चाहिए, ना कि सड़कों पर. इन पर जो पुलिस बर्बरता की गई, हम उसकी कड़ी निंदा करते हैं. पीएम साहिब इनकी मांगें जल्द मानें. पीएम को मेरा पत्र.''

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बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में सीएम केजरीवाल ने कहा है कि एक तरफ जहां ऑमिक्रॉन कोरोना वायरस बहुत तेजी से फैलता जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में केंद्र शासित अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल पर हैं. पिछले एक महीने से AIIMS, सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया जैसे बड़े सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर NEET-PG काउंस्लिंग के बार-बार स्थगित होने की वजह से हड़ताल पर हैं. वह बहुत दुख की बात है. इतने संघर्ष के बाद भी इन रेजिडेंट डॉक्टरों की मांग केंद्र सरकार द्वारा नहीं सुनी गई. परंतु इससे ज्यादा दुख की बात है कि कल जब वह डॉक्टर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तब पुलिस ने इनके साथ मार-पिटाई की, इन पर हाथ उठाया, उनके साथ दुर्व्यवहार किया.

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मुख्यमंत्री ने लिखा कि प्रधानमंत्री जी ये वही डॉक्टर हैं जिन्होंने पिछले डेढ़ साल में कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान की परवाह ना करते हुए कोरोना मरीजों की सेवा की. ना जाने इस महामारी के दौरान कितने डॉक्टर की जान गई, लेकिन वो फिर भी अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटे. लेकिन आज अगर डॉक्टरों को हड़ताल पर जाना पड़ रहा है तो यह बेहद दुख की बात है. NEET-PG काउंसलिंग में देरी होने से इन डॉक्टरों के भविष्य पर तो असर पड़ता ही है, लेकिन इसके साथ-साथ अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी होती है और बाकि डॉक्टरों पर बोझ बढ़ता है. मेरा आप से आग्रह है कि सरकार जल्द से जल्द NEET-PG काउंसलिंग करवाए.

उन्होंने लिखा कि आज पूरे देश में फिर से कोरोना के केस बढ़ रहे हैं. अगर हमारे डॉक्टर हड़ताल पर होंगे तो हम कोरोना से कैसे लड़ेंगे? आज हमें जरूरत है कि यह सब डॉक्टर अस्पतालों के अंदर हों, मरीजों की देखभाल कर रहे हों, ना कि सड़कों पर संघर्ष कर रहे हों. इसलिए मेरा आप से आग्रह है कि आप व्यक्तिगत तौर पर इनकी समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान निकालें. 

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