उत्तरकाशी के धराली गांव में कहां से आया सैलाब... गूगल अर्थ में देखिए तबाही वाली जगह की तस्वीरें

गूगल अर्थ को करीब से देखने पर आपको नजर आएगा कि कैसे वो नाला गांव में बहता हुआ आ रहा है. यही नाला धराली में तबाही की वजह बन गया.

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  • उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने से अचानक बाढ़ आई, जिससे कई घर पानी में बह गए.
  • अधिकारियों के अनुसार इस घटना में कम से कम चार लोगों की मौत हुई और कई लोग लापता हो सकते हैं.
  • धराली गंगोत्री जाने वाले मार्ग पर स्थित है, जहां कई होटल, रेस्टोरेंट और होमस्टे बाढ़ में बह गए.
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देहरादून:

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में आने वाले धराली गांव में मंगलवार को बादल फट गया है. अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को गंगोत्री जाने वाले रास्ते पर स्थित धराली के ऊंचाई वाले गांवों में बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई है. यहां पर कई घर या तो तबाह हो गए हैं या फिर पानी में बह गए. अधिकारियों के अनुसार घटना में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई. माना जा रहा है कि कई लोग इसमें लापता भी हो सकते हैं. एक नजर डालिए कि गूगल अर्थ पर तबाही वाली जगह कैसी नजर आ रही है. 

नाले में समाया गांव 

गूगल अर्थ को करीब से देखने पर आपको नजर आएगा कि कैसे वो नाला गांव में बहता हुआ आ रहा है. यही नाला धराली में तबाही की वजह बन गया. सिर्फ कुछ सेकेंड्स में इस नाले में आई बाढ़ ने पूरे के पूरे धराली गांव को लील लिया. धराली गंगोत्री जाने के रास्ते में पड़ने वाला मुख्य पड़ाव है और यहां पर कई होटल, रेस्टोरेंट और होमस्टे हैं.

स्थानीय लोगों ने बताया कि खीर गंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में कहीं बादल फटने के बाद यह विनाशकारी बाढ़ आई है.  उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट प्रशांत आर्य ने बताया कि शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, कम से कम चार लोगों की मौत हो गई है. वहीं हर्षिल से सेना की एक टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है. 

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होमस्‍टे तक बह गए 

एक ग्रामीण राजेश पंवार ने बताया कि मलबे में लगभग 10-12 लोग दबे हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि 20-25 होटल और होमस्टे बह गए होंगे. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'धराली (उत्तरकाशी) क्षेत्र में बादल फटने से हुए भारी नुकसान की खबर बेहद दुखद और दर्दनाक है. एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जिला प्रशासन और अन्य संबंधित टीमें राहत और बचाव कार्यों में युद्धस्तर पर लगी हुई हैं.' 

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उत्तरकाशी का धराली गांव हिमालय के बीच और पवित्र गंगा नदी के तट पर बसा है. यह जगह सेब के बगीचों के तौर पर जानी जाती है. साथ ही ऐसा कहा जाता है कि यह उत्तराखंड की वजह जगह है जो अभी तक बड़ी आबादी की पहुंच से दूर है. यह हर्षित के करीब ही है और इसके आसपास कई आश्रम भी स्थित हैं. 

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