22 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि (Disha Ravi), जिसकी गिरफ्तारी पर पिछले महीने दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को शर्मनाक न्यायिक फटकार लगी थी, ने शनिवार (13 मार्च) को अपना पहला बयान जारी किया है. सोशल मीडिया पर जारी अपने बयान में दिशा रवि ने टीवी चैलनों पर नाराजगी जाहिर की है और आरोप लगाया है कि टीआरपी रेटिंग बटोरने के चक्कर में कुछ टीवी चैनलों ने उन्हें पहले से ही दोषी ठहरा दिया. दिशा रवि की गिरफ्तारी पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जगत में भी हंगामा और अंसतोष उपजा था.
किसानों के विरोध-प्रदर्शन को समर्थन देने वाले एक ऑनलाइन दस्तावेज़ (टूलकिट) के सिलसिले में पुलिस ने उसे पिछले महीने 13 फरवरी की आधी रात बेंगलुरु स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया था. बाद में दिशा को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया गया था, जहां 10 दिन बाद कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए दिशा रवि को रिहा कर दिया था. कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि पुलिस ने 22 वर्षीय छात्रा के खिलाफ "डरावने साक्ष्य और अधूरी स्केचिंग" पेश की थी.
दिशा रवि को जमानत देते हुए कोर्ट ने किया ऋग्वेद का जिक्र, कहा- देशद्रोह का ऐसा इस्तेमाल...
दिशा रवि ने शनिवार की शाम को अपने सोशल मीडिया पेज पर प्रकाशित एक बयान में पिछले महीने दिल्ली में अपनी गिरफ्तारी और हिरासत का विस्तृत विवरण देते हुए लिखा है कि उन्होंने महसूस किया कि पुलिस द्वारा उनकी स्वायत्तता और निजता का उल्लंघन किया गया था और रेटिंग के भूखे समाचार चैनलों द्वारा उन्हें दोषी ठहराया गया था.
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दिशा ने लिखा है, "इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि उन दिनों जब में उनके शिकंजे में थी, तब मेरी स्वायत्तता का उल्लंघन किया गया था; मेरी तस्वीरों को सभी समाचार चैनलों में फ्लैश कराए गए थे; मुझे पहले ही दोषी ठहरा दिया गया था- कानून की अदालत में नहीं, बल्कि टीआरपी / टेलिविज़न रेटिंग पॉइंट्स के चाहने वालों द्वारा फ्लैट स्क्रीन पर; मैं वहाँ बैठ गई इससे अनजान होकर कि न जाने और कितनी मनगढ़ंत कहानियां मेकरे बारे में वहां कही जा रही होंगी."
बता दें कि किसानों के समर्थन में टूलकिट दस्तावेज साझा करने पर दिल्ली पुलिस ने रवि समेत कई एक्टिविस्टों पर देशद्रोह का केस दर्ज किया है.