जिला गाजियाबाद में डॉ अरविंद वत्स अकेला एक निजी क्लिनिक चलाते हैं, लेकिन 2 सितंबर को मीडिया को बुलाकर उन्होंने एक व्हाटसऐप कॉल दिखाया और कहा कि हिन्दूवादी संगठनों से जुड़े होने के चलते व्हाट्सऐप पर ग्रांट नाम के किसी शख्स ने सिर तन से जुदा करने की धमकी दी है. ये खबर फैलते ही पुलिस के होश फाख्ता हो गए. आनन फानन में गाजियाबाद की साइबर क्राइम की टीम ने जांच शुरू की. डाक्टर अकेला केस मोबाइल नंबर को जब ट्रेस किया गया तो पता चला कि ये इंटरनेट कॉलिंग से बात हुई है, लेकिन उसी नंबर से डाक्टर अकेला की पैरों में सूजन और अस्थमा को लेकर भी बातचीत हुई है.
साइबर पुलिस ने जब जांच की तो पता चला कि दिल्ली में रहने वाले सनी महतो ने इस नंबर के जरिए डाक्टर अकेला को फोन किया था. पुलिस ने जब सनी महतो को हिरासत में लिया तो पता चला कि सनी पहले से डॉ अरविंद वत्स उर्फ अकेला को जानता था. गाजियाबाद के अचार व्यापारी के जरिए वो डॉ अकेला को मिला था. सनी अस्थमा से बीमार रहता था लिहाजा वो अक्सर डाक्टर साहब से फोन के माध्यम से संपर्क में रहता था. पूछताछ में सनी ने पुलिस को बताया कि उसने एक इंटरनेट नंबर बना रखा था, डॉक्टर के कहने पर उसने 2 सितंबर को इंटरनेट कॉलिंग की थी, जो कि ग्रांट के नाम से शो हो रही थी.
2 सितंबर को पैरों में सूजन की एक फोटो भी उसने डॉक्टर को शेयर किया था. इस आधार पर पुलिस ने डॉ अकेला की शिकायत को झूठा पाया और अब डाक्टर पर भी झूठी शिकायत देने पर कार्रवाई की तैयारी में है. पुलिस का ये भी कहना है कि सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए सिर तन से जुदा करने की बात मीडिया के सामने कही गई. डॉ अकेला पुलिस की बात नकार रहे हैं. वहीं डॉ अरविंद अकेला ने एक वीडियो बयान जारी करके कहा है कि गाजियाबाद पुलिस झूठ बोल रही है। उनके पास धमकी का कॉल आया था। उन्होंने ये भी कहा कि पकड़ा गया शख्श उनके संपर्क में नहीं था.