अपने अमृतसर के ' मिसिंग ' घर को आज भी तलाशते हैं CJI संजीव खन्ना

CJI संजीव खन्ना के दादाजी और लीजेंडरी जस्टिस एच आर खन्ना के पिता सर्व दयाल उस जमाने में मशहूर वकील थे. 1919 के जलियांवाला बाग कांड के लिए गठित कांग्रेस की कमेटी में भी वो शामिल थे.

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(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

देश के 51वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर जस्टिस संजीव खन्ना ने शपथ ले ली है. वह देश की न्यायपालिका के मुखिया बन गए हैं लेकिन एक बात ऐसी है जो बहुत कम लोग जानते हैं. CJI खन्ना आज भी अपने अमृतसर के घर को तलाश रहे हैं जो उनको नहीं मिल पा रहा है. ये घर उनके 'बाऊजी' यानी दादाजी ने खरीदा था. CJI के करीबी सूत्रों ने बताया कि अब भी जब कभी CJI खन्ना अमृतसर जाते हैं तो वो कटरा शेर सिंह जरूर जाते हैं. यहां वो अपने बाऊजी यानी दादाजी सर्व दयाल के घर को पहचानने की कोशिश करते हैं लेकिन सालों बीत जाने के बाद वो इलाका और घर पूरी तरह बदल चुके हैं.

जलियांवाले बाग के पास था सीजेआई के दादाजी का घर

सूत्रों के मुताबिक CJI खन्ना के दादाजी और लीजेंडरी जस्टिस एच आर खन्ना के पिता सर्व दयाल उस जमाने में मशहूर वकील थे. 1919 के जलियांवाला बाग कांड के लिए गठित कांग्रेस की कमेटी में भी वो शामिल थे. उस जमाने में उन्होंने दो घर खरीदे थे. एक अमृतसर के कटरा शेर सिंह में और दूसरा हिमाचल के डलहौजी में. बताया गया है कि 1947 में आजादी के समय उनके कटरा शेर सिंह के घर में तोड़फोड़ और आगजनी हो गई थी. 

पांच साल के थे तो पिता के साथ अपने दादाजी के घर गए थे सीजेआई खन्ना

हालांकि, बाद में दादाजी ने घर को फिर से ठीक कराया था. जब CJI खन्ना पांच साल के थे तो एक बार अपने पिता देवराज खन्ना के साथ उस घर में गए थे जहां एक निशानी भी मिली थी. इस पर 'बाऊजी' लिखा था. ये निशानी आज भी उनके डलहौजी के घर में रखी है.

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1970 में बेच दिया था अमृतसर वाला घर

सूत्रों के मुताबिक सर्व दयाल के निधन के बाद 1970 में अमृतसर के घर को बेच दिया गया था. हालांकि, CJI खन्ना को आज तक वो घर याद है. इसलिए जब भी वो अमृतसर जाते हैं तो जलियांवाला बाग के पास कटरा शेर सिंह जरूर जाते हैं और कोशिश करते हैं कि वो उस घर को पहचान लें लेकिन वो घर उनकी पहचान में नहीं आता क्योंकि अब पूरे इलाके का नक्शा बदल चुका है. 

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डलहौजी वाले घर को लेकर ये बात कहते हैं सीजेआई खन्ना

हालांकि, डलहौजी वाला घर आज भी उन्हीं के पास है. इसमें सालों से वो अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने जाते हैं. CJI खन्ना हमेशा जिक्र करते हैं कि कैसे उनके बाऊजी कहते थे कि छुट्टियों में स्कूल की किताबें ना लाएं क्योंकि वो जो शिक्षा देंगे वो किताबों में भी नहीं मिलेगी.

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