प्राकृतिक गैस (Natural Gas) की लागत में 40 प्रतिशत की भारी वृद्धि के साथ चालू वित्त वर्ष में गैस की मांग में वृद्धि 25 प्रतिशत के पूर्व अनुमान से घटकर आठ से 10 प्रतिशत रह सकती है. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, औद्योगिक उपभोक्ता अन्य सस्ते ईंधन की ओर जा रहे हैं जिससे चालू वित्त वर्ष में मांग में अनुमान से 10 से 12 प्रतिशत की कमी आई है. चालू वित्त वर्ष के दौरान प्राकृतिक गैस की कीमतों में अबतक 150 प्रतिशत का उछाल आया है. इसके कारण रसोई गैस की मांग में वृद्धि 20 से 25 प्रतिशत के बजाय घटकर आठ से दस प्रतिशत रह सकती है.
पेट्रोलियम मंत्रालय ने वैश्विक स्तर पर ऊर्जा की कीमतों में उछाल के साथ प्राकृतिक गैस की कीमतों में 30 सितंबर को 40 प्रतिशत की रिकॉर्ड बढ़ोतरी कर दी. इससे पहले अप्रैल-सितंबर के दौरान गैस के दाम 110 प्रतिशत बढ़ाए गए थे. पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) की तरफ से जारी आदेश के अनुसार, पुराने गैस क्षेत्रों से उत्पादित गैस के लिए भुगतान की जाने वाली दर को मौजूदा 6.1 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमबीटीयू) से बढ़ाकर 8.57 डॉलर प्रति एमबीटीयू कर दिया गया है.
क्रिसिल के निदेशक नवीन वैद्यनाथन के अनुसार, गैस की उच्च कीमतों से चालू वित्त वर्ष में औद्योगिक पीएनजी की मांग में दस से 12 प्रतिशत की कमी आने की आशंका है. मूल्य संवेदनशील औद्योगिक उपभोक्ता गैस की कीमतों में वृद्धि के बाद वैकल्पिक ईंधन जैसे प्रोपेन और ईंधन तेल का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा घरों में इस्तेमाल की जाने वाली पीएनजी की मांग लोगों के कार्यालयों लौटने से बहुत कम दो से पांच प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है. दूसरी ओर, पेट्रोल और डीजल के साथ कीमतों के अंतर को कम करने के बावजूद, सीएनजी स्टेशनों के विस्तारित नेटवर्क के कारण सीएनजी की मांग अब भी 25 से 30 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है.