अंधाधुंध गोलीबारी कर रहे साथी को काबू करने का साहस दिखाने वाले केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के एक जवान को 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर वीरता के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि 2017 में बिहार स्थित एक बिजली संयंत्र में चार कर्मियों की कथित तौर पर हत्या करने वाले कांस्टेबल बलवीर सिंह को हेड कांस्टेबल राजेश सिंह ने काबू किया था. उन्होंने कहा कि यह दुर्लभ अवसर है, जब किसी ऐसे कर्मी को वीरता पदक दिया गया है जिसने एक दर्दनाक घटना को रोकने का साहस दिखाया.
सीआईएसएफ ने एक बयान में कहा कि हेड कांस्टेबल राजेश सिंह 12 जनवरी, 2017 को बिहार के औरंगाबाद जिले में ‘नबीनगर पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड' (एनपीजीसीएल) में तैनात थे और इसी दौरान उनके साथी कांस्टेबल बलवीर सिंह ने कथित तौर पर अपनी राइफल से गोलियां चलाईं और चार सहयोगियों की हत्या कर दी. बयान के मुताबिक, कांस्टेबल बलवीर सिंह परिसर के नए बैरक की छत पर पहुंचा, जिसे राजेश सिंह ने ‘‘चुनौती'' दी. इस दौरान राजेश के पास कोई हथियार नहीं था.
बयान में कहा गया, ‘‘यह जानते हुए कि कांस्टेबल बलवीर सिंह गुस्से से बेकाबू है और उसके पास हथियार है और वह राजेश सिंह की जान भी ले सकता है, हेड कांस्टेबल ने साहस का परिचय देते हुए बलवीर सिंह से इनसास राइफल छीन ली और इसे दूर फेंक दिया.'' इसमें कहा गया कि राजेश सिंह ने कांस्टेबल बलवीर सिंह को भी दबोच लिया और उसे जमीन पर पटक दिया, जिसे बाद में स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया. हेड कांस्टेबल राजेश सिंह वर्तमान में उत्तर प्रदेश के लखनऊ में तैनात हैं.
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