कान्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) के अध्यक्ष की हैसियत से बैंकर उदय कोटक की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी को लिए गए पत्र के एक माह भी प्राइवेट सेक्टर देश में कोविड टीकाकरण कार्यक्रम में 'शामिल' नहीं हो पाया है. 14 जनवरी को लिखे पत्र में कोटक ने पीएम को लिखा था, 'अस्पतालों को गंभीर मरीजों और भुगतान करने वाले लोगों को कोरोना टीका लगाने की इजाजत दी जानी चाहिए. इससे बेहद सीमित समय में कोरोना वैक्सीन को सभी लोगों तक पहुंचाने के अभियान में मदद मिलेगी.'
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CII का एक और प्रस्ताव NDTV के पास है जिसमें कहा गया है कि इस 'रोलआउट' से देश के कारोबार भी काफी लाभान्वित होगा और निजी क्षेत्र (Private sector) जरूरी आपूर्ति बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकता है ताकि 80 फीसदी से अधिक नागरिकों को दायरे में लाया जा सके.इसमें कहा गया है, CII का सुझाव है कि टीके को तेजी से लोगों तक पहुंचाने और कार्यस्थल पर कर्मचारियों का विश्वास बढ़ाने के लिए व्यावसायिक उपक्रमों को अपने कर्मचारियों को टीका लगाने और आसपास के समाज में इसको पहुंचाने के लिए मदद करने की इजाजत दी जाए.
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CII की ओर से कहा गया है कि यह खर्च CSR (कार्पोरेट सोशल रिस्पोंसिबिलिटी) का हिस्सा होना चाहिए, इसमें टीकाकरण को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी. CII का मानना है कि प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी, भारत जैसे बड़े और विविधितापूर्ण देश में बेहद जरूरी है.CII का अनुमान है कि प्राइवेट सेक्टर (निजी क्षेत्र) के साथ आने से अतिरिक्त 10 करोड़ लोगों को टीकाकरण लगाना संभव हो सकेगा. गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने मंगलवार को जानकारी दी थी कि बताया कि देश में अब तक 87,40,595 टीके लग चुके हैं, इसमें स्वास्थ्य कर्मी- 62,82,646 (पहली डोज़- 61,11,968 (60.5%) दूसरी डोज़- 1,70,678 (37.5% ऑफ eligible)) है जबकि फ्रंटलाइन वर्कर 24,57,949 (26.3%) हैं.