लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान को पटना पुलिस ने मंगलवार को उस समय हिरासत में ले लिया, जब वह नीतीश कुमार सरकार को बर्खास्त करने की मांग को लेकर यहां अपने समर्थकों के साथ विरोध मार्च निकाल रहे थे. यह मार्च ऐतिहासिक गांधी मैदान से शुरू हुआ था और चिराग तथा उनके समर्थकों को आयकर चौराहे के पास हिरासत में लिया गया, जब वे राज्यपाल फागू चौहान को ज्ञापन देने के लिए राज निवास की ओर बढ़ रहे थे.
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पुलिस ने कहा कि बिहार संग्रहालय के पास बैरिकेड लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की गयी, लेकिन जब प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ने का प्रयास किया तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया और उन्हें तितर-बितर करने के लिए पानी की तेज बौछार की. पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया. हिरासत में लिए गए लोगों में चिराग भी शामिल थे और उन्हें सचिवालय थाना ले जाया गया.
लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान के पुत्र और सांसद चिराग पासवान ने हिरासत में लिए जाने से पहले मीडियाकर्मियों से कहा, “नीतीश कुमार सरकार युवाओं को रोजगार मुहैया कराने, कानून व्यवस्था बनाए रखने, शिक्षा और स्वास्थ्य सहित सभी मोर्चों पर नाकाम रही है. इसे तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए.'
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पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि उन्हें एहतियाती तौर पर हिरासत में लिया गया और बाद में पार्टी कार्यकर्ताओं और उनके नेता को रिहा कर दिया गया. उन्हें निजी मुचलका दाखिल करने के बाद रिहा कर दिया गया.
रिहा किए जाने के बाद चिराग पासवान ने पार्टी के कुछ नेताओं के साथ राज्यपाल के प्रोटोकॉल अधिकारी से मुलाकात की और राज्य सरकार की कथित ‘जनविरोधी' नीतियों के कारण आम आदमी को हो रही परेशानियों को रेखांकित करते हुए उन्हें एक ज्ञापन सौंपा. चिराग ने राज निवास के बाहर मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा, 'राज्यपाल मौजूद नहीं थे, इसलिए हमने अपना ज्ञापन उनके प्रोटोकॉल अधिकारी को सौंपा.''
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)