भारत की चिंताओं के बीच श्रीलंका की हम्बनटोटा बंदरगाह पर पहुंचा चीनी जासूसी जहाज

श्रीलंका ने पहले भारत और अमेरिका की चिंताओं के बीच चीन से अपने पोत को भेजने के कार्यक्रम को टालने को कहा था, लेकिन कुछ दिन बाद उसने चीन को जासूसी जहाज हम्बनटोटा बंदरगाह भेजने की अनुमति दे दी थी.

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चीन का यह पोत उपग्रह और मिसाइलों की निगरानी करने में सक्षम है.

भारत की चिंताओं के बीच चीन का उपग्रह और मिसाइल निगरानी पोत श्रीलंका के बंदरगाह हम्बनटोटा पर आज सुबह पहुंच चुका है. श्रीलंका ने पहले ही इसकी अनुमति दे दी थी. खबरों के अनुसार, श्रीलंका ने पहले भारत और अमेरिका की चिंताओं के बीच चीन से अपने पोत को भेजने के कार्यक्रम को टालने को कहा था, लेकिन कुछ दिन बाद उसने चीन को जासूसी जहाज हम्बनटोटा बंदरगाह भेजने की अनुमति दे दी थी.

नई दिल्ली इस आशंका को लेकर चिंतित है कि चीनी पोत के ट्रैकिंग सिस्टम भारतीय प्रतिष्ठानों की जासूसी करने की कोशिश कर रहे हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पिछले महीने कहा था, "हमें चीनी पोत द्वारा अगस्त में हंबनटोटा की प्रस्तावित यात्रा की रिपोर्ट की जानकारी है."

उन्होंने कहा, "सरकार भारत की सुरक्षा और आर्थिक हितों से जुड़े किसी भी विकास की सावधानीपूर्वक निगरानी करती है और उनकी सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करती है." पिछले हफ्ते, चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि कुछ देशों द्वारा तथाकथित सुरक्षा चिंताओं का हवाला देकर श्रीलंका पर दबाव बनाना अनुचित था.

हम्बनटोटा बंदरगाह पर अपने जहाज को आने की अनुमति के लिए श्रीलंका से हुई चर्चा पर चीन ने साधी चुप्पी

जब श्रीलंका ने चीन से जहाज के प्रवेश को स्थगित करने को कहा था तो चीन ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि कुछ देशों द्वारा कोलंबो पर दबाव बनाने के लिए तथाकथित ‘‘सुरक्षा चिंताओं'' का हवाला देना और उसके आंतरिक मामलों में ‘‘पूरी तरह हस्तक्षेप करना'' बिल्कुल अनुचित है.श्रीलंका के विदेश मंत्रालय के 13 अगस्त के आदेश में कहा गया कि कोलंबो ने कुछ चिंताओं को लेकर गहन परामर्श किया है.

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