चाइनीज़ लोन Apps का शिकंजा देश के युवाओं पर कसता जा रहा है. इन apps से जिसने लोन लिया, वो इसके शिकंजे में इस तरह से फंसा कि उबर नहीं पाया. हालत यह है कि इनके शिकार बनकर कई लोग सुसाइड तक कर चुके हैं. एक तरह से कहें तो ये एप भारत की अर्थव्यवस्था को खत्म करने का षड्यंत्र कर रहे हैं. ऑनलाइन एप्स का जाल किस तरह फैल रहा है और इससे किस तरह बचें, इसे लेकर NDTV ने विशेषज्ञों से बात की. इस बारे में किए गए सवाल पर साइबर विशेषज्ञ पवन दुग्गल कहते हैं कि ऑनलाइन लोन न लें तो सबसे अच्छा है.अगर लेना पड़े तो इसके टम्स और कंडीशंस जान लें और न देने की स्थिति में किस कंडीशंस से गुजर सकते हैं, यह जान लेना भी जरूरी है.अपने पर्सनल डिटेल्स न दें क्योंकि इनका दुरुपयोग हो सकता है.
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ जितेंद्र जैन बताते हैं कि चाइनीज एप्स भारत में पिछले ढाई साल से चल रहे हैं और सैकड़ों की संख्या में हैं. जैसे ही देश में कोविड आया तो चाइनीज डिजिटल वायरस भी आया. उन्हें समझ में आया कि कोविड में पैसों की तंगी है लोगों को नौकरियों का अभाव है तो इंस्टेंट लोन देना शुरू किया. ये 10 हजार 15 हजार तक का भी लोन देते हैं. इस दौर में लोगों को आर्थिक संकट आया. लोग सात दिन के लिए ले सकते हैं और 15 दिन के लिए ले सकते हैं. जिन लोगों को टारगेट किया जा रहा था वे 18 से 30 साल के लोग है. लोन के इंट्रेस्ट रेट 50 फीसद से 100 परसेट पर वीक है. डिफाल्ट करने की स्थिति में यह 250 परेसट पर वीक तक है यानी यदि जो ब्याज आप एक बैंक को 10 साल में देंगे वह आपसे ये एक वीक में लेंगे. जैन ने बताया कि अगर आप लोन का भुगतान नहीं देंगे तो गालीगलौज की जाएगी, भद्दे मैसेज भेज जाते हैं. ओरिजनल स्कैम ब्लैकमेलिंग का है जो लोन देने का तरीका है और उसमें कहते हैं कि एप को डाउन लोड करिए और अपना आधार और बैंक अकाउंट डिटेल दीजिए. जो कि प्रोसिसिंग के लिए मांगते हैं मगर एक्चुअल में यह लोन एप, वायरस मालवेयर है. जैसे ही आप इसे डाउनलोड करते हैं आपके सारे पर्सनल डिटेल, फोटो कांटेकट बुक इनके पास चले जाते हैं और आपकी सारी जानकारी इनके पास पहुंच जाती हैं. सारी जानकारी इनके पास पहुंच जाती है. कई बार तो लोन वापस करने पर भी आपको ब्लैकमेल किया जाता है. झूठ-फरेब का जो परिवार के सामने बदनाम करने के लिए अभियान चलाया जाता है वह लोन लेने वालों को परेशान कर देता है. करीब दो साल पहले, तेलंगाना में एडीजी ने अभियान चलाया था कई बंदों को अरेस्ट किया, इसके बावजूद आज भी 150 एप पकड़े जा चुके हैं. हजारों लोग इनके कॉल सेंटर में काम कर रहे हैं. उन्हें यह नहीं पता कि कि ये लोगों को ब्लैक मेल कर रहे. इनका ईको सिस्टम इतना बड़ा है कि हजारों लोग इससे जुड़े हुए हैं. लगभग 50 हजार करोड़ रुपये चीन में हवाला के जरिये दिए जा चुके हैं. अब समय आ गया है कि हम बैंक्स को और मोबाइल सिम को 1000 फीसदी ईकेवायसी करके आधार से लिंक करना होगा. यह सारे सिम फर्जी है किसी दूसरे के नाम से लिए जा रहे हैं. कंप्लेंट करते रहिए लेकिन ये सिम बंद नहीं होते.
ऐसे लोन एप्स से बचने के लिए क्या सावधानी बरतें, इसके जवाब में साइबर विशेषज्ञ प्रशांत माली कहते हैं, "यह एप्स ब्लैकेमेलिंग करके भारत का पैसा लूटकर चीन ले जाने का गोरखधंधा है. मैं इसके कैस हैंडल कर रहा हूं इसलिए बता सकता हूं कि जो पेमेंट गेटवे है और ये जो उनकी ओरिजनल मदर कंपनी है और चीन से ऑपरेट करती है इनकी साठगांठ है. यह मामले में दाखिल की गई चार्जशीट में सामने आया है. इसके नीचे फिनटेक इंडस्ट्री को इन्होंने मूर्ख बनाया है उन्हें आगे करते हैं. केवल लोन लेने वाले ही नहीं, फिनटेक इंडस्ट्री भी इनकी शिकार है.यह नेशनल सिक्युरिटी का मामला हो सकता है क्योंकि इतना सारा पैसा देश के बाहर चला गया."
लोन लेने वालों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि कि छोटे-मोटे लोन लेते हुए आपको उस एप के नाम के आगे फ्राड लिखकर गूगल पर डालकर चेक करना चाहिए. यह काम आप हिंदी मराठी गुजराती किसी भी भाषा में लिखकर चेक कर सकते हैं. यदि फ्राड है और केस चल रहा तो आपको इसका पता चल जाएगा. ऐसा होने पर इस एप से कोई वास्ता मत रखिए. दूसरी बात यह भी जानना चाहिए कि उसमें एनबीएफसी से कोई जुड़ा है उसका लाइसेंस या एग्रीमेंट उन्होंने वेवसाइट पर पोस्ट किया है यदि ऐसा नहीं है तो कभी इनसे लोन मत लीजिए. तीसरी बात यह है कि इनकी फ्रेंड रिक्वेस्ट मत स्वीकार मत करिए. ऐसा करने पर ये आपको यार-दोस्तों को मैसेज भेजकर आपको बदनाम कर सकते हैं चौथी बात यह है कि इनको आपको कांटेक्ट लिस्ट का परमीशन नहीं देना चाहिए अगर आपको जेनुइन बिजनेस करना है तो आरबीआई के गाइडलाइंस के हिसाब से यह करना भी नहीं है. आपके साथ यदि ऐसा हादसा होता है तो अपना एक्सपीरिएंस लिखिए और पुलिस में शिकायत जरूर करिए. क्या लीगल ऑप्शन हैं, इस पर प्रशांत ने कहा कि यह किस्से निकल कर आते हैं तो लोग सोचते हैं क्या हम पुलिस में जाए या क्या इससे फायदा होगा, इस छवि को बदलने की जरूरत है. पुलिस में कहां शिकायत कर सकते हैं, इसके जवाब उन्होंने कहा कि इसके लिए आप साइबर क्राइम. जीओबी.इन पर कंप्लेंट कर सकते हैं. पुलिस के किसी भी नंबर पर रिपोर्ट कर सकते हैं. इसके लिए केवल साइबर सेल में ही जाने की जरूरत नहीं है. हर पुलिस स्टेशन में साइबर सेल होता है, वहां जाकर शिकायत कर सकते हैं.
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