पैंगोंग झील पर बना चीन का ब्रिज अवैध कब्‍जे वाले इलाके में : सरकार

चीन पर कई सवालों का जवाब देते हुए उसे खरी खरी सुनाई. पैंगोंस सो झील पर चीन के पुल बनाने पर प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि चीन जहां पर पुल बना रहा है वो इलाका पिछले 60 सालों से चीन के अवैध कब्जे में है.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
चीन जहां पर पुल बना रहा है वो इलाका पिछले 60 सालों से चीन के अवैध कब्जे में है.
नई दिल्ली:

दिल्ली में कोरोना के तेजी से बढते मामलों को देखते हुए विदेश मंत्रालय ने साल का पहला प्रेस ब्रीफिंग वर्चुअल तौर पर किया. चीन पर कई सवालों का जवाब देते हुए उसे खरी खरी सुनाई. पैंगोंस सो झील पर चीन के पुल बनाने पर प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि चीन जहां पर पुल बना रहा है वो इलाका पिछले 60 सालों से चीन के अवैध कब्जे में है. भारत इस पर करीबी नजर रखे हुए है और ऐसे अवैध कब्जे को कभी नहीं माना है. पिछले सालों में सरकार ने इस बात का खयाल रखा है कि हमारी सुरक्षा जरूरतें पूरी तरह से ध्यान में रखी जाएं. साथ ही पिछले सात सालों में इस इलाके के लिए बजट में खासी बढ़ोतरी की गई - इलाके में इंफ्रास्ट्रकचर - जैसे पहले से कहीं ज्यादा सड़कें, पुल वगैरह बनाई है. इससे यहां लोगों को काफी कनेक्टिविटी मिली है और सेना को मदद भी. सरकार ये करती रहेगी.

कांग्रेस ने अरुणाचल के स्थानों के नाम बदलने के चीन के कदम पर प्रधानमंत्री मोदी की 'चुप्पी' पर सवाल उठाया

अरुणाचल के इलाकों को चीन के नाम देने पर बागची ने कहा कि हमने ये रिपोर्ट देखी है. चीन के निराधार दावों को बल देने की ये हास्यास्पद कोशिश है. उस वक्त भी हमने बयान दिया था टूटिंग को डोडेंग या सियोम नदी को शीयूमू या किबिथू या डाबा कहने से ये तथ्य बदल नहीं जाएगा कि अरुणाचल हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और रहेगा. हम उम्मीद करते हैं कि ऐसी हरकतें करने के बजाय चीन पश्चिमी सेक्टर में सीमा विवाद सुलझाने के लिए हमारे साथ सकरात्मक रूप से काम करे.

Advertisement

गलवान में चीनी झंडा फहराए जाने पर केंद्र सरकार की ‘चुप्पी' सेना का मनोबल तोड़ने वाली: कांग्रेस

दिल्ली में चीन के दूतावास के पोलिटिकल काउंसलर के तिब्बत के कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले सांसदों को चिट्ठी लिखने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि उस चिट्ठी के सुर और तरीका ठीक नहीं था. चीन को समझना चाहिए कि भारत एक लोकतंत्र है और अपने विश्वास और राय के मुताबिक नेता ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होते हैं. हम उम्मीद करते हैं कि एक सामान्य गतिविधि को चीन बेवजह तूल ना दे और हमारे द्विपक्षीय रिश्ते को और ना उलझाए.

Advertisement
Featured Video Of The Day
यूक्रेन ने कजान को ही क्यों बनाया निशाना?
Topics mentioned in this article