बिहार के सहरसा में होमवर्क नहीं करने पर बच्चे को स्कूल संचालक ने इतना पीटा...हो गई मौत

मामले को लेकर एएसआई ब्रजेश चौहान ने बताया कि पिता प्रकाश कुमार ने सदर थाना में शिकायत दर्ज कराई है. जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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बिहार के सहरसा में एक सात साल के बच्चे को होमवर्क नहीं करने पर स्कूल संचालक ने इतनी पीटा कि उसकी मौत हो गई.
पटना:

बिहार के सहरसा में एक सात साल के बच्चे को होमवर्क नहीं करने पर स्कूल संचालक ने इतनी पीटा कि उसकी मौत हो गई. घटना के बाद से आरोपी फरार है. हालांकि, जिस अस्पताल में बच्चे की मौत हुई, उसके डॉक्टर का कहना है कि बच्चे के शरीर पर चोट के निशान नहीं थे. हो सकता है हार्ट अटैक से मौत हुई हो. मौत की वजह पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल पाएगी. मामला जिले के सिमरी बख्तियारपुर थाने के हुसैनचक इलाके का है.  

स्कूल संचालक सुजीत कुमार फरार
हुसैनचक में बौधि पब्लिक स्कूल में नर्सरी से आठवीं क्लास तक अंग्रेजी मीडियम में पढ़ाई होती है. इसके अंदर हॉस्टल भी है. इसी स्कूल के 7 साल के बच्चे आदित्य की मौत हुई है. आदित्य बोधि पब्लिक स्कूल में एलकेजी का छात्र था. स्कूल के हॉस्टल में रह रहे आदित्य के दोस्त शिवम ने बताया कि बुधवार को होमवर्क नहीं करने पर स्कूल संचालक ने डंडे से आदित्य को खूब पीटा था. शिवम ने बताया कि आदित्य शाम को खाना खाने के बाद सोने चला गया था. सुबह जब मैं उसे ब्रश करने के लिए उठाने गया तो उसका शरीर अकड़ गया था. हम उसे गोद में उठाकर स्कूल संचालक के पास ले गए तो स्कूल संचालक ने कहा कि लगता है मर गया. चलो, इसे अस्पताल में छोड़ देते हैं. इसके बाद स्कूल संचालक ने बच्चे के पिता को फोन कर कहा कि आपका बच्चा बेहोश हो गया है. अस्पताल ले जा रहे हैं. आकर देख लीजिए. पिता के सहरसा के आशा नर्सिंग होम में पहुंचने से पहले ही डॉक्टर ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया था. बच्चे की मौत के बाद से स्कूल संचालक सुजीत कुमार फरार है.

अक्सर आदित्य की पिटाई होती थी
पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया है. आशा नर्सिंग होम में मौजूद डॉ. दिनेश कुमार ने बताया कि मेरे नर्सिंग होम आने से पहले ही बच्चे की मौत हो चुकी थी. मेरे क्लिनिक पर मृत अवस्था में बच्चे को लाया गया था. मौत के कारण पर उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा कि किस कारण से बच्चे की मौत हुई है. वैसे बच्चे के शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं था. हो सकता है हार्ट अटैक से भी मौत हुई हो. शिवम के अनुसार, मास्टर साहब हमेशा कुछ न कुछ होमवर्क याद करने के लिए दे देते थे. याद नहीं करने पर अक्सर आदित्य की पिटाई होती थी. हम लोग भी डरे सहमे रहते थे. कुछ बोलने पर हम लोगों की भी पिटाई होती है. आदित्य के साथ हॉस्टल में रह रहे छठीं के छात्र सोनू कुमार ने बताया कि मास्टर साहब ने कुछ याद करने के लिए दिया था. आदित्य होमवर्क याद नहीं कर पाया तो संचालक ने उसे बहुत मारा. सोनू के अनुसार लगातार दो दिनों तक आदित्य की बेरहमी से पिटाई की जाती रही. रात में वह सो गया, लेकिन सुबह मरा हुआ पाया गया. 

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पुलिस कर रही जांच
आदित्य के पिता प्रकाश यादव ने बताया कि वो होली पर घर आया था. 14 मार्च को उसके मामा ने हॉस्टल पहुंचाया था. हॉस्टल जाने के बाद आदित्य से ठीक से बातचीत भी नहीं हुई थी. गुरुवार को अचानक स्कूल के संचालक ने फोन किया कि बच्चा बेहोश हो गया है. मैं इसे लेकर अस्पताल जा रहा हूं. हम लोग जब प्राइवेट क्लिनिक पहुंचे तो मेरा बेटा मरा हुआ था और सुजीत फरार था. उसके बाद हमने सदर थाना को सूचना दी. तब पुलिस आई और बच्चे को पोस्टमार्टम के लिए ले गई. मामले को लेकर एएसआई ब्रजेश चौहान ने बताया कि पिता प्रकाश कुमार ने सदर थाना में शिकायत दर्ज कराई है. जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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