कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि जवाहरलाल नेहरू के कारण गोवा को आजाद करवाने में देरी नहीं हुई थी. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का यह "इतिहास को विकृत करने का एक हताश प्रयास" था. उन्होंने कहा कि भारत के पहले प्रधानमंत्री ने गोवा को मुक्त करने के लिए सही समय पर हस्तक्षेप किया था. पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में चिदंबरम ने इस बात पर भी जोर दिया कि आगामी विधानसभा चुनावों में चुने गए किसी भी कांग्रेस विधायक को इस बार गोवा में भाजपा अपनी तरफ नहीं ला सकेगी. उन्होंने दावा किया कि इस बार "हमारा घर में अच्छी सुरक्षा है, हालांकि "चोर" अभी भी बाहर है लेकिन जनता "उसे सबक सिखाएगी".
उन्होंने कहा कि हर गुजरते दिन के साथ, मतदाताओं के लिए यह स्पष्ट होता जा रहा है कि उन्हें भाजपा या कांग्रेस में से चयन करना है. वहीं आम आदमी पार्टी (आप) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) जैसी "छोटी पार्टियों" गैर-भाजपा वोट को विभाजित करने में जुटी हैं.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की हालिया आलोचना कि नेहरू के कारण गोवा की आजादी में देरी हुई, इसके बारे में पूछे जाने पर चिदंबरम ने कहा कि यह "इतिहास को विकृत करने और फिर से लिखने का एक और हताश प्रयास है".
चिदंबरम ने कहा, "मोदी और शाह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के विश्व के इतिहास को नहीं जानते हैं. वे आजादी के बाद के भारत के इतिहास को नहीं जानते हैं, खासकर 1947-1960 के बारे में. वे नहीं जानते कि जवाहरलाल नेहरू ने कितनी अकलमंदी से भारत को उस स्थिति में पहुंचाया जहां भारत शांति का चैंपियन और गुटनिरपेक्ष आंदोलन का स्वीकृत नेता बन गया."
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उन्होंने कहा कि नेहरू ने गोवा को आजाद कराने के लिए सही समय पर हस्तक्षेप किया और यही वजह है कि उस समय सैन्य कार्रवाई के खिलाफ एक भी आवाज नहीं उठी.