छत्तीसगढ़ आबकारी घोटाला: नोएडा से आरोपी विधु गुप्ता को एसटीएफ ने किया गिरफ्तार

विधू गुप्ता ग्रेटर नोएडा की कंपनी प्रिज्म होलोग्राफी और सिक्योरिटी फिल्म प्राइवेट लिमिटेड का डायरेक्टर है. ईडी की शिकायत पर थाना कासना में इन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था.

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नई दिल्ली:

छत्तीसगढ़ आबकारी घोटाला मामले में नोएडा एसटीएफ ने विधू गुप्ता को गिरफ्तार किया है. विधू गुप्ता ग्रेटर नोएडा की कंपनी प्रिज्म होलोग्राफी और सिक्योरिटी फिल्म प्राइवेट लिमिटेड का डायरेक्टर है. ईडी की शिकायत पर थाना कासना में इन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था.

आरोप के मुताबिक छत्तीसगढ में शराब माफिया और अफसरों की मिलीभगत से वहां शराब की बोतलों में  अवैध होलोग्राम लगाकर शराब की बिक्री की जा रही है. आरोपियों में 1. निरंजन दास, आईएएस, तत्कालीन आबकारी आयुक्त, छत्तीसगढ 2. अरूणपति त्रिपाठी, एमडी, सीएसएमसीएल व विशेष सचिव आबकारी, छत्तीसगढ, 3. अनवर ढेवर, राजनीतिक व्यक्ति. 4. अनिल टुटेजा, आईएएस, तत्कालीन सचिव इण्डस्ट्रीज, छत्तीसगढ, 5. विधू गुप्ता, डारयरेक्टर, पीएचएसएफ प्राईवेट लिमिटेड, नोएडा शामिल हैं

बिक्री को सुनिश्चित करने के लिये बिक्री में शामिल आबकारी विभाग के अधिकारियों तथा छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर अरूण पति त्रिपाठी द्वारा प्रिज्म होलोग्राफी और सिक्योरिटी फिल्म प्राइवेट लिमिटेड नोएडा को टेण्डर की शर्तों में बदलाव करते हुये राज्य आबकारी विभाग, छत्तीसगढ़ को होलोग्राम सप्लाई करने का टेण्डर शर्तो पर दिया. प्रिज्म होलोग्राफी और सिक्योरिटी फिल्म प्राइवेट लिमिटेड नोएडा के डायरेक्टर विधू गुप्ता के द्वारा टेण्डर के बदले में प्रति होलोग्राम 8 पैसा कमीशन और अवैध शराब की बिक्री के लिये डुप्लीकेट होलोग्राम की सप्लाई करनी होगी.

टेंडर मिलने के बाद विधू गुप्ता ने सीएसएमसीएल के एमडी अरुण पति त्रिपाठी के आदेश पर डुप्लीकेट होलोग्राम की सप्लाई छत्तीसगढ में इस सिंडिकेट के साथ शुरू कर दी. गैंग लोगों द्वारा डुप्लीकेट होलोग्राम को विधू गुप्ता से लेकर सीधे डिस्टलरीज (1- वेलकम डिस्टलरीज 2- छत्तीसगढ डिस्टलरीज, लिमिटेड, 3- भाटिया वाईन एण्ड मर्चेण्ट प्राइवेट लिमिटेड) को सीधे पहुंचा दिये जाते थे.

डिस्टलरियों के द्वारा इन होलोग्राम को अवैध unaccounted part –B  शराब की बोतलों पर चिपका कर, उन बोतलों को छत्तीसगढ के 15 जिलों के आबकारी विभाग के लोगों द्वारा फर्जी ट्रांसिट पास पर इस अवैध शराब को सीएसएमसीएल की दुकानों पर ले जाया जाता था. उन दुकानों पर इस गैंग से सम्बन्धित मैन पावर सप्लाई की कम्पनी के कर्मचारी रहते थे, जो इस unaccounted part –B  शराब की बिक्री ओरिजिनल शराब के साथ करते थे.

इस गैंग से जुड़े को ही कैश कलेक्ट का ठेका दिया गया था. गैंग के लोगो द्वारा कैश इकट्ठा करके ऊपर तक पहुंचाया जाता था. इस प्रक्रिया में शामिल नीचे से ऊपर तक के हर किसी का कमीशन फिक्स था. इस गैंग के द्वारा 2019 से 2022 तक अवैध unaccounted part –B  शराब की सप्लाई की गयी, जो हर महीने 400 ट्रक तक होती थी. विधू गुप्ता ने आबकारी विभाग छत्तीसगढ़ को होलोग्राम का टेंडर मिलने पर 90 लाख रूपये घूस दी थी.

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