Chhattisgarh Election Results : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस-बीजेपी को अपनी-अपनी जीत का भरोसा, आज आएंगे परिणाम 

Chhattisgarh Election Results 2023: राज्य में चुनाव और सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों ने बताया, ‘‘राज्य के सभी 33 जिलों, खासकर नक्सल प्रभावित जिलों में मतगणना केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है.’’

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रायपुर :

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Assembly Election)  के लिए आज मतों की गिनती होगी और प्रदेश में ज्यादातर सीटों पर सत्ताधारी कांग्रेस (Congress) और विपक्षी भाजपा (BJP) के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है. राज्य में कांग्रेस सत्ता में वापसी करने का दावा कर रही है. पार्टी को विश्वास है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) के नेतृत्व में पार्टी ने किसान, आदिवासी, और गरीबों के लिए काम किया है, जिसके दम पर एक बार फिर यहां कांग्रेस की सरकार बनेगी. वहीं 2003 से 2018 तक लगातार 15 वर्षों तक सत्ता में रही भाजपा को उम्मीद है कि राज्य की जनता एक बार फिर उन्हें मौका देगी. पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि पर भरोसा जताया है तथा चुनाव प्रचार के दौरान बघेल सरकार पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया. 

राज्य में चुनाव और सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों ने बताया, ‘‘राज्य के सभी 33 जिलों, खासकर नक्सल प्रभावित जिलों में मतगणना केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है.''

राज्य विधानसभा के 90 सीटों के लिए सात और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान हुआ था, जिसमें राज्य के 76.31 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. यह 2018 के विधानसभा चुनाव में दर्ज 76.88 प्रतिशत मतदान से कुछ कम है. 

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राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया, 'सभी 90 सीटों के लिए 33 जिला मुख्यालयों में सुबह आठ बजे वोटों की गिनती शुरू होगी, जिसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.'

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उन्होंने बताया कि प्रत्येक मतगणना केंद्र पर तीन स्तरीय सुरक्षा की व्यवस्था की गई है. 

कंगाले ने बताया कि डाक मतपत्रों की गिनती सुबह आठ बजे शुरू होगी तथा डाक मतपत्रों की गिनती के आधे घंटे बाद ईवीएम से वोटों की गिनती की प्रक्रिया शुरू होगी. 

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उन्होंने बताया कि मतगणना प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा करने के लिए 90 रिटर्निंग ऑफिसर, 416 सहायक रिटर्निंग ऑफिसर, 4596 मतगणना कर्मी और 1698 माइक्रो पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं. 

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कंगाले ने बताया कि प्रत्येक हॉल में मतगणना के लिए 14 टेबलें लगाई जाएंगी। छह विधानसभा क्षेत्रों- पंडरिया, कवर्धा, सारंगढ़, बिलाईगढ़, कसडोल और भरतपुर-सोनहत में 21 टेबल की अनुमति दी गई है. 

उन्होंने बताया कि कवर्धा और कसडोल विधानसभा क्षेत्र में गिनती पूरी करने के लिए सबसे अधिक 20 राउंड की आवश्यकता होगी तथा मनेंद्रगढ़ और भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र के लिए सबसे कम 12 राउंड की गिनती होगी. 

राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव (दोनों कांग्रेस से) और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह (भाजपा) समेत कुल 1,181 उम्मीदवारों का फैसला रविवार को होगा. 

मुख्यमंत्री बघेल के प्रतिनिधित्व वाली पाटन सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है, जहां भाजपा ने मुख्यमंत्री के दूर के भतीजे और पार्टी सांसद विजय बघेल को मैदान में उतारा है. वहीं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी भी मैदान में हैं. 

अंबिकापुर सीट पर भाजपा ने टीएस सिंहदेव के खिलाफ नए चेहरे राजेश अग्रवाल को मैदान में उतारा है. अग्रवाल 2018 में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. 

राज्य में कांग्रेस के अन्य प्रमुख उम्मीदवारों में ताम्रध्वज साहू (दुर्ग ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र), रवींद्र चौबे (साजा), कवासी लखमा (कोंटा), राज्य विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत (सक्ती) और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और सांसद दीपक बैज (चित्रकोट) सहित नौ मंत्री शामिल हैं. 

वहीं भाजपा की ओर से रमन सिंह :राजनांदगांव:, पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख और सांसद अरुण साव (लोरमी निर्वाचन क्षेत्र), विपक्षी नेता नारायण चंदेल (जांजगीर-चांपा), केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह (भरतपुर-सोनहत), सांसद गोमती साय (पत्थलगांव), पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल (रायपुर दक्षिण), अजय चंद्राकर (कुरूद), पुन्नूलाल मोहिले (मुंगेली), दो पूर्व आईएएस अधिकारी ओपी चौधरी (रायगढ़) और नीलकंठ टेकाम (केशकाल) प्रमुख उम्मीदवार हैं. 

अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने 53 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं, जिनमें छत्तीसगढ़ राज्य इकाई के अध्यक्ष कोमल हुपेंडी (भानुप्रतापपुर सीट) भी शामिल हैं. 

मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीपीपी) ने राज्य में गठबंधन में चुनाव लड़ा है. 

राज्य में मुख्य मुकाबला जहां कांग्रेस और भाजपा के बीच है, वहीं बिलासपुर संभाग की कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला है. इस संभाग की कुछ सीटों पर अजीत जोगी की पार्टी और बसपा का प्रभाव है. आम आदमी पार्टी भी इस संभाग में पकड़ बनाने की कोशिश कर रही है. 

एग्जिट पोल में कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर का अनुमान लगाया गया है. 30 नवंबर को कुछ टीवी चैनलों पर दिखाए गए एग्जिट पोल के मुताबिक, सत्ताधारी दल कांग्रेस को भाजपा पर थोड़ी बढ़त मिल सकती है. 

राज्य की 90 विधानसभा क्षेत्रों में से 51 सामान्य हैं. राज्य की 10 सीटें अनुसूचित जाति और 29 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. 

कांग्रेस ने 2018 के चुनावों में 90 में से 68 सीटें जीतकर शानदार जीत दर्ज की थी. भाजपा को सिर्फ 15 सीटें मिली थी. वहीं जेसीसी (जे) और बीएसपी को पांच और दो सीटें मिली थी. कांग्रेस ने बाद में उपचुनावों में कुछ और सीटों पर जीत हासिल की थी. राज्य में कांग्रेस की वर्तमान में 71 सीटें हैं. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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