- छत्तीसगढ़ के बस्तर में एक लड़की को उसके परिवारवालों ने 20 साल तक एक कमरे में बंद कर रखा था
- प्रशासन को जब इसकी जानकारी मिली तो उसे कमरे से बाहर निकाला गया
- लगातार एक कमरे में बंद रहने के कारण लड़की की आंखों की रोशनी पर असर पड़ा है
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसे सुनकर रूह कांप जाएगी. एक परिवार ने कथित तौर पर मनचलों से एक बच्ची को बचाने के लिए 20 साल तक उसे एक कमरे में बंद कर रखा था. बच्ची जब 8 साल की उम्र की थी तबसे उसके परिवारवालों ने लॉक कर रखा था. जब अधिकारियों को ये पता चला तब उन्होंने जाकर लड़की को बाहर निकाला.
इस अनाथ लड़की की कहानी परेशान करने वाली है. 20 साल तक एक कमरे में बंद रहने के कारण उसके बोलने पर भी असर पड़ा है. नाम पुकारने पर वो मुश्किल से ही किसी चीज का जवाब देती है. जगदलपुर के करीब कोरचुली स्थित घरौंदा आश्रम की सिस्टर क्लेरिट ने बताया कि 20 साल तक लगातार एक कमरे में बंद रहने और बाहरी दुनिया और सूर्य की रोशनी से दूरी के कारण लड़की का आंखों की रोशनी और बोलने पर जरूर असर पड़ा होगा.
बस्तर के कलेक्टर ने बताया कि सामाजिक कल्याण विभाग इस लड़की को एक कमरे में बंद करने के खिलाफ जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि ये मामला आपराधिक लापरवाही, गैरकानूनी तौर पर बंधक बनाना और मानवाधिकार के उल्लंघन का है.
परिवारवालों से हो रही है पूछताछ
जिलाधिकारी ने बताया कि अधिकारी लड़की के परिवारवालों से पूछताछ कर रही है. अधिकारी इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि आखिर किन परिस्थितियों में लड़की को एक कमरे में बंद किया था. उन्होंने कहा कि जैसे ही रिपोर्ट आ जाएगी हम कार्रवाई करेंगे.
परिवारवालों को लड़की के साथ गलत होने का डर
सूत्रों ने बताया कि लड़की के परिवारवाले को इस बात का डर था कि पड़ोस में रहने वाला एक अनजान शख्स लड़की के पीछे पड़ा है और वो उसका यौन उत्पीड़न कर सकता है. परिवारवालों ने सूत्र को बताया कि पड़ोसी आदतन अपराधी है और लड़की अगर बाहर जाती है तो वो उसको निशाना बना सकता है.
चल पा रही है लड़की
लड़की की जांच के बाद ऐसा लग रहा है कि उसकी आंखों की रोशनी पूरी तरह से वापस आना संभव नहीं है. सिस्टर क्लेरिट ने बताया कि अच्छी बात ये है कि लड़की धीरे-धीरे जवाब दे रही है और सपोर्ट से चल भी पा रही है.













