"जो मिल गया वही मुकद्दर है" : छगन भुजबल का राज्‍यसभा नहीं भेजे जाने का दर्द फूटा

छगन भुजबल ने एनडीटीवी के साथ एक एक्‍सक्‍लूसिव इंटरव्‍यू के दौरान साफ कहा कि उनकी इच्छा दिल्ली जाकर काम करने की थी. राज्‍यसभा नहीं भेजे जाने पर उन्‍होंने कहा कि अब जो मिल गया है, वही मुकद्दर है.

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मुंबई:

महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में जिन चुनिंदा राजनेताओं का बीते चार से पांच दशकों से दखल रहा है उनमें से एक है छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) . NDTV से एक खास बातचीत में भुजबल राज्‍यसभा (Rajya Sabha) न भेजे जाने का दर्द नहीं छिपा पाए. भुजबल ने साफ कहा कि उनकी इच्छा दिल्ली जाकर काम करने की थी, लेकिन, 'अब जो मिल गया वही मुकद्दर है'. साथ ही भुजबल ने कहा कि आखिरी वक्‍त तक सीटों का बंटवारा न होना गठबंधन को नुकसान पहुंचाता है.  

भुजबल को ओबीसी समुदाय की बड़ी आवाज माना जाता है. लोकसभा चुनाव में महाराष्‍ट्र में महायुति के प्रदर्शन पर उन्‍होंने कहा कि 400 पार का जो नारा दिया गया था, उसे पर विपक्ष ने प्रचार किया कि इन्‍हें संविधान बदलना है. मुस्लिम तो पहले से ही खिलाफ थे, अब दलित और आदिवासी समाज के लोग भी डर गए.  भुजबल ने विधानसभा चुनाव को लेकर कहा कि मैं समझ रहा हूं कि हम लोग साथ मिलकर लड़ेंगे. साथ ही उन्‍होंने सीटों का बंटवारा जल्‍द से जल्‍द करने की मांग की है. 

राज्‍यसभा नहीं भेजे जाने पर भी बोले भुजबल  

राज्य की राजनीति को छोड़कर केंद्र की राजनीति में जाने और राज्‍यसभा में सुनेत्रा पवार को राज्‍यसभा भेजे जाने के सवाल पर भी भुजबल ने बेबाकी से जवाब दिया. उन्‍होंने कहा कि 40 साल से मैं विधानसभा में हूं. उन्‍होंने कहा कि मेरी इच्‍छा थी कि दिल्‍ली जाकर काम करूं.

उन्‍होंने कहा, "जो जिला परिषद में आता है वो बोलता है कि चलो मैं असेंबली जाऊं, असेंबली वाला बोलता है कि मैं मंत्री बनूं, फिर बोलता है कि मैं राज्यसभा में लोकसभा में जाऊं, सभी लोग तो जा रहे हैं. कुछ-कुछ लोग तो ग्राम पंचायत भी नहीं लड़े एकदम एमपी बन गए."

उन्‍होंने कहा,  "अभी नहीं मिला तो क्‍या करें. नाराजगी छोड़ दें, काम करें. जो मिल गया उसी को मुकद्दर समझ लिया. जो खो गया उसी को भुलाता चला गया." 

10 साल चली थी मनमोहन सरकार : भुजबल 

महाविकास अघाड़ी की प्रस कॉन्‍फ्रेंस में उद्धव ठाकरे ने अंदेशा जताया था कि केंद्र की मोदी सरकार बहुत ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी क्योंकि ये एनडीए की सरकार हैं और जो मतभेद थे वो साफ दिख रहे हैं. इस पर भुजबल ने कहा कि मनमोहन सिंह की सरकार 10 साल गठबंधन से चली है.  अलग-अलग पाटियां थीं, तो भी 10 साल चली. उन्‍होंने कहा कि महाराष्‍ट्र में 15 साल तक कांग्रेस और एनसीपी की सरकार रही.

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सरकार में भी फडणवीस की जरूरत है : भुजबल  

देवेंद्र फडणवीस के इस्‍तीफे देने के सवाल पर भुजबल ने कहा कि उनका देखने का रुख ठीक है कि फडणवीस पार्टी में जाएंगे तो रात दिन पार्टी के काम में जुटे रहेंगे और जो कमियां हैं उन्‍हें पूरी कर सकते हैं और पार्टी को ज्‍यादा समय दे सकते हैं, लेकिन यहां सरकार में तालमेल रखने के लिए उनकी आवश्‍यकता है. भुजबल ने कहा कि उनमें यह क्षमता है कि वे दोनों जगह ठीक ढंग से काम कर सकते हैं. 

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