लोकसभा चुनाव में एनडीए के शानदार प्रदर्शन के बाद अब बारी है केंद्र में सरकार बनाने को लेकर समीकरण साधने की. ऐसा इसलिए भी क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को इस आम चुनाव में 240 सीटें मिली हैं. यानी वो पूर्ण बहुमत के आंकड़े से 32 सीटें पीछे है. ऐसे में अगर उसे अब सत्ता में वापसी करनी है तो एनडीए के घटक दल टीडीपी (तेलगु देशम पार्टी) और जेडीयू ( जनता दल यूनाइटेड) जैसों पर निर्भर रहना होगा. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी अपने तमाम घटक दलों से संपर्क साधना शुरू कर चुकी है. इसी क्रम में टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने उस अटकलों को खारिज कर दिया है, जिसमें दावा किया जा रहा था कि बीजेपी को समर्थन देने के लिए अपनी पार्टी से लोकसभा अध्यक्ष और अपने हर एक तीन सांसद पर एक मंत्री पद की मांग कर सकते हैं. चंद्रबाबू नायडू ने इन दावों को बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा कि हम एनडीए के साथ पहले भी थे और आगे भी बने रहेंगे.
5 मंत्री और लोकसभा अध्यक्ष का पद चाहते हैं नायडू
सूत्रों से जो जानकारी निकलकर आ रही है उसके मुताबिक चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने इस आम चुनाव में कुल 16 लोकसभा सीट जीती है. ऐसे में नायडू जिस तरह से अपने तीन सांसदों पर एक मंत्री पद मांग रहे हैं, अगर वो हो गया तो नई सरकार में उनके कुल 5 केंद्रीय मंत्री हो सकते हैं. साथ ही चंद्र बाबू नायडू ने अपनी पार्टी के लिए लोकसभा अध्यक्ष का पद भी देने की मांग की है. हालांकि, इन तमाम खबरों को लेकर अभी तक आधिकारिक तौर पर टीडीपी या बीजेपी की तरफ से कोई बयान नहीं आया है.
NDA की सरकार बनती है तो इसमें टीडीपी के साथ-साथ नीतीश कुमार की जेडीयू की भी अहम भूमिका होगा. लोकसभा चुनाव परिणाम के आने के बाद से ही जेडीयू और टीडीपी किस गठबंधन के साथ जाएगी, इसे लेकर तमाम अकटलें लगाई जाने लगी हैं. हालांकि, ये लगभग तय है कि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू पीएम मोदी के साथ खड़े रहेंगे और केंद्र में एनडीए की मजबूत सरकार बनेगी. सरकार बनने से पहले तमाम समीकरणों पर चर्चा करने के लिए एनडीए ने अपने घटक दलों की बैठक बुलाई है. इस बैठक में शामिल होने के लिए नीतीश कुमार दिल्ली पहुंच चुके हैं.