चंडीगढ़ महापौर चुनाव: निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने का आदेश

CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह स्पष्ट है कि पीठासीन अधिकारी (मसीह) ने जो भूमिका निभाई है, वह गंभीर कदाचार है.

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अनिल मसीह को सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी झेलनी पड़ी. (फाइल)
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  • चंडीगढ़ महापौर चुनाव के निर्वाचन अधिकारी को झेलनी पड़ी SC की नाराजगी
  • सुप्रीम कोर्ट का अनिल मसीह के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने का आदेश
  • पीठासीन अधिकारी (मसीह) ने जो भूमिका निभाई, वह गंभीर कदाचार : SC
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नई दिल्ली :

चंडीगढ़ महापौर चुनाव (Chandigarh Mayor Election) के निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह को मंगलवार को उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) की नाराजगी झेलनी पड़ी. शीर्ष अदालत ने उसके समक्ष गलतबयानी करने और मतों की गिनती के दौरान ‘अवैध कार्य' करने के लिए अधिकारी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने का आदेश दिया. शीर्ष अदालत ने कहा कि मसीह ने आठ मतपत्रों पर निशान लगाए थे, ताकि उन्हें अवैध मानने का आधार तैयार किया जा सके. न्यायालय ने 30 जनवरी के चुनाव परिणाम को रद्द करते हुए आम आदमी पार्टी (आप)-कांग्रेस गठबंधन के पराजित उम्मीदवार कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ का नया महापौर घोषित किया.

प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह भी स्पष्ट है कि पीठासीन अधिकारी (मसीह) ने जो भूमिका निभाई है, वह गंभीर कदाचार है. पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे.

पीठ ने शीर्ष अदालत के रजिस्ट्रार (न्यायिक) को निर्देश दिया कि वह मसीह को नोटिस जारी कर बताएं कि न्यायालय के समक्ष कथित रूप से गलत बयान देने के लिए क्यों न उनके खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 340 के तहत कार्यवाही शुरू की जाए.

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इसमें कहा गया है कि वह नोटिस पर अपना जवाब दाखिल कर सकते हैं और मामले पर तीन सप्ताह बाद सुनवाई की जाएगी.

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शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि पीठासीन अधिकारी के रूप में मसीह के आचरण की दो स्तरों पर निंदा की जानी चाहिए.

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गैरकानूनी तरीके से महापौर चुनाव की दिशा बदली : सुप्रीम कोर्ट 

पीठ ने कहा, ''सबसे पहले, अपने आचरण से उन्होंने (मसीह ने) गैरकानूनी तरीके से महापौर चुनाव की दिशा बदल दी... दूसरे, 19 फरवरी को इस अदालत के समक्ष एक गंभीर बयान देते हुए पीठासीन अधिकारी ने गलतबयानी की, जिसके लिए उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.''

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इसमें कहा गया कि एक निर्वाचन अधिकारी के रूप में, मसीह अदालत के समक्ष इस तरह का बयान देने के परिणामों से अनभिज्ञ नहीं हो सकते थे.

पीठ ने कहा कि सोमवार को सुनवाई के दौरान मसीह का बयान दर्ज करने से पहले उसने उन्हें गलत बयानी करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की भी हिदायत दी थी.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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