चमोली में बादल फटा, कुंतरी और धुर्मा गांव में तबाही, 9 लोग लापता

Chamoli Cloudburst : नंदा नगर के कुंतरी गांव और धुर्मा गांव में बादल फटा है और दोनों गांवों में भारी नुकसान हुआ है. कुंतरी गांव में 6 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और सात लोग लापता बताए जा रहे हैं.

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चमोली जिले के नंदा नगर में दो गांव में बादल फटा है...
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  • उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदा नगर में कुंतरी और धुर्मा गांवों में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है.
  • कुंतरी गांव में छह मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए और सात लोग लापता बताए जा रहे हैं.
  • धुर्मा गांव में पांच मकान क्षतिग्रस्त हुए और दो लोग लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है.
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चमोली:

उत्‍तराखंड के चमोली जिले के नंदा नगर में दो गांव में बादल फटा है. नंदा नगर के कुंतरी गांव और धुर्मा गांव में बादल फटा है और दोनों गांवों में भारी नुकसान हुआ है. कुंतरी गांव में 6 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और सात लोग लापता बताए जा रहे हैं. वहीं, धुर्मा गांव में भी बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है, यहां पांच मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और दो लोग लापता हो गए हैं, जिनकी तलाश की जा रही है. मोक्ष नदी का जलस्तर बड़ा हुआ है.

उत्‍तराखंड में बादल फटने का सिलसिला थम नहीं रहा है. बीते कुछ दिनों में कई जिलों में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है. चमोली में मौसम विभाग द्वारा जारी किया गया भारी बारिश का पूर्वानुमान सटीक साबित हुआ है. जनपद के नंदा नगर में भारी बारिश के चलते काफी नुकसान हो गया है, जहां पर कुंतरी गांव में कई घर मलबे की चपेट में आ गये हैं. कुछ लोगों का अभी पता नहीं चल पा रहा है. स्थानीय लोग और नंदा नगर थाना पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंचने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन हालात इतने भयावह हैं कि वहां पर प्रशासन के टीम को पहुंचने में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

चमोली में और भारी बारिश की चेतावनी

मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में चमोली में और भारी बारिश की चेतावनी भी जारी की है. स्थानीय लोगों ने बताया कि बादल फटने के बाद कई निवासी अभी भी अपने घरों में फंसे हुए हैं. अधिकारियों ने लापता लोगों का पता लगाने के लिए जमीनी स्तर पर टीमें तैनात कर दी हैं, हालांकि आगे भी भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है. यह घटना देहरादून के सहस्त्रधारा में चार दिन पहले हुए भयानक बादल फटने के बाद हुई, जिसमें कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई थी. उस आपदा में सड़कें बह गईं, दुकानें और घर क्षतिग्रस्त हो गए, और दो बड़े पुल नष्ट हो गए थे.

भारी बारिश के दौरान देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर को भी भारी नुकसान हुआ. सहस्त्रधारा में बादल फटने और भारी बारिश से तमसा नदी में उफान आ गया, जिसके कारण मंदिर परिसर में पानी भर गया. मंदिर परिसर में कई फीट तक रेत और मलबा घुस गया, जिससे शिवलिंग डूब गया और दीवारों में गहरी दरारें पड़ गईं.  स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने देहरादून, चंपावत, उधम सिंह नगर, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, पौड़ीगढ़ और चमोली के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. निवासियों को 20 सितंबर तक अत्यधिक भारी वर्षा, भूस्खलन, बुनियादी ढांचे के ढहने और बढ़ती मौतों की संभावना के बारे में आगाह किया है.

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