सरकार ने ऑनलाइन न्यूज पब्ल‍िशर्स से कहा, नए नियमों के अनुपालन की जानकारी 15 दिन में दें

New Digital Media Rules: डिजिटल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को सरकार ने बुधवार से लागू हुए नए नियमों के अनुपालन पर ब्योरा देने के लिए 15 दिन का समय दिया है.

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सूचना प्रसारण मंत्रालय ने डिजीटल मीडिया प्लेटफॉर्म को तीन श्रेणियों में बांटा है
नई दिल्ली:

New Digital Media Rules: डिजिटल मीडिया (Digital Media Platforms) और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स (OTT Platforms) को सरकार ने बुधवार से लागू हुए नए नियमों (New digital Media rules) के अनुपालन पर ब्योरा देने के लिए 15 दिन का समय दिया है. नए नियम - डिजिटल सामग्री को विनियमित करने के लिए - एक आचार संहिता और एक त्रि-स्तरीय शिकायत निवारण ढांचा पेश करते हैं. इनमें भारत स्थित अनुपालन अधिकारियों की नियुक्ति, शिकायत समाधान, आपत्तिजनक सामग्री की निगरानी, अनुपालन रिपोर्ट और आपत्तिजनक सामग्री को हटाना भी शामिल है. यह कदम इलैक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नलॉजी मंत्रालय के ठीक ऐसे ही नोटिस के एक दिन बाद आया है जिसमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से नए नियमों के तहत जानकारी मांगी गई थी. आईटी मंत्रालय ने कहा था कि जितना जल्दी हो सके, यह जानकारी दी  जाए.

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नए नियमों के तहत सूचना प्रसारण मंत्रालय ने कंपनी के नाम, निदेशक के नाम, पते, फोन नंबर, शिकायत निवारण अधिकारी, स्वनियमन की व्यवस्था आदि की जानकारी मांगी. मंत्रालय के मुताबिक अभी तक करीब 60 डिजीटल न्यूज प्लेटफॉर्म ने बताया है कि उन्होंने नए नियमों के तहत सेल्फ रेग्यूलेशन संस्था बनाना शुरू कर दिया है. कुछ प्रकाशकों ने मंत्रालय को नए नियमों के तहत पंजीकरण कि लिए लिखा है.

सूचना प्रसारण मंत्रालय ने डिजीटल मीडिया प्लेटफॉर्म को तीन श्रेणियों में बांटा है. पहली श्रेणी उन परंपरागत प्रकाशकों की है जो अपने अखबार या टीवी के अलावा डिजीटल माध्यम में समाचार देते हैं. दूसरी श्रेणी डिजीटल न्यूज प्रकाशकों की है. तीसरी श्रेणी ओवर द टॉप यानी ओटीटी प्लेटफॉर्म की बनाई गई है जो डिजीटल माध्यम से मनोरंजन तथा दूसरी जानकारियां देते हैं.

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पहली श्रेणी के प्रकाशकों से बुनियादी सूचनाएं जैसे नाम, यूआरएल, भाषा, ऐप, सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी पूछी गई. साथ ही, उन्हें टीवी चैनल की अनुमति, या अखबार का आरएनआई पंजीकरण क्रमांक, कॉंटेक्ट सूचना, और शिकायत निवारण की व्यवस्था के बारे में बताना होगा.

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दूसरी श्रेणी में भी तकरीबन यही जानकारियां मांगी गईं लेकिन इसमें कंपनी आइडेंटिफिकेशन नंबर और निदेशक मंडल की जानकारी भी पूछी गई है अगर वे कंपनियां हैं तो.

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तीसरी श्रेणी में भी नाम, पता, यूआरएल, ऐप का नाम वगैरह पूछा गया है. विदेशी ओटीटी के मामलों में पंजीकरण का देश बताना होगा और भारत में किस दिन से काम शुरू किया यह भी बताना होगा. ओटीटी को भी शिकायत निवारण व्यवस्था के बारे में जानकारी देनी होगी जिसमें कंटेट मैनेजर का नाम भी बताना होगा.

गौरतलब है कि नए नियमों को कई डिजीटल प्रकाशकों ने अलग-अलग हाई कोर्ट में चुनौती दे रखी है. उनकी याचिकाओं पर नोटिस जारी किए गए हैं.

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