केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर COVID-19 टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने पर जोर दिया है. साथ ही, मंत्रालय ने इस बात का जिक्र किया है कि काफी संख्या में स्वास्थ्य कर्मी और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों को टीका लगाया जाना अभी भी बाकी है. सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे एक पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि हफ्ते में टीकाकरण के दिनों की संख्या बढ़ाकर यथाशीघ्र प्रति सप्ताह न्यूनतम चार दिन किया जाना चाहिए, ताकि टीकाकरण की प्रक्रिया की रफ्तार बढ़ सके और 50 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण करने में तेजी लाई जा सके.
कुछ राज्य सप्ताह में दो दिन टीकाकरण कर रहे हैं, जबकि कुछ अन्य राज्य सप्ताह में चार दिन या इससे अधिक दिन टीकाकरण कर रहे हैं. भूषण ने कहा कि सेवाओं में विस्तार के लिए को-विन सॉफ्टवेयर में पर्याप्त प्रावधान किये गये हैं.
यह पत्र 19 फरवरी को लिखा गया है. इसमें कहा गया है कि काफी संख्या में स्वास्थ्य कर्मी और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों को टीका लगाया जाना अब भी बाकी है तथा कई राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में इस कार्य में प्रगति की दर भी अलग-अलग है.
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पत्र में कहा गया है, ‘‘बुजुर्गों की आबादी और किसी अन्य रोग से ग्रसित व्यक्तियों के प्राथमिकता समूह को टीका लगाने की शुरूआत मार्च में की जानी है, जिसके लिए अभियानगत रणनीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है.'' अस्थायी रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 21 फरवरी तक टीकाकरण के 2,30,888 सत्र में टीके की कुल एक करोड़ 10 लाख 85 हजार एक सौ तिहत्तर (1,10,85,173) खुराक दी जा चुकी है. इनमें 63,91,544 स्वास्थ्य कर्मियों को टीके की पहली खुराक, 9,60,642 स्वास्थ्यकर्मियों को टीके की दूसरी खुराक और 37,32,987 अग्रिम मोर्चे के कर्मियों को दी गई पहली खुराक शामिल है.
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