केंद्र सरकार ने गांधी परिवार से जुड़े राजीव गांधी फाउंडेशन (RGF) और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (RGCT) का फॉरेन कंट्रिब्यूशन रेग्यूलेशन एक्ट (FCRA) लाइसेंस कैंसिल कर दिया. अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई विदेशी चंदे में कथित अनियमितताओं को लेकर की गई है.
सूत्रों के मुताबिक, आरजीएफ और आरजीसीटी में कथित अनियमितताओं की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को सौंपे जाने की संभावना है.
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी आरजीएफ की प्रमुख हैं. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम इसके सदस्य हैं.
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सोनिया गांधी आरजीसीटी की भी प्रमुख हैं. राहुल गांधी और पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ अशोक एस गांगुली सदस्य हैं.
कथित अनियमितताओं की जांच के लिए साल 2020 में गृह मंत्रालय द्वारा गठित एक अंतर-मंत्रालयी समिति की जांच के बाद यह कार्रवाई की गई है.
RGF की साल 1991 में स्थापना हुई थी. आरजीएफ की वेबसाइट के अनुसार, फाउंडेशन ने 1991 से 2009 तक महिलाओं, बच्चों और अक्षम लोगों को मदद देने के अलावा स्वास्थ्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और शिक्षा क्षेत्र सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में काम किया. साल 2010 में फाउंडेशन ने केवल एजुकेशन सेक्टर में काम करने का फैसला किया.
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