तहरीक-ए-हुर्रियत को सरकार ने किया प्रतिबंधित, जम्मू-कश्मीर में इस्लामिक शासन लागू करने की साजिश का आरोप

उन्होंने कहा कि भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल हर व्यक्ति या संगठन की साजिश को ‘आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने’ की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीति के तहत विफल कर दिया जाएगा.

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नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी समूह तहरीक-ए-हुर्रियत (टीईएच) जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) को केंद्रशासित प्रदेश में आतंकवाद को बढ़ावा देने और भारत विरोधी दुष्प्रचार करने के चलते रविवार को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस संबंध में घोषणा करते हुए कहा कि संगठन को जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए आतंकवादी गतिविधियों को जारी रखते और भारत विरोधी दुष्प्रचार करते हुए पाया गया.

उन्होंने कहा कि भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल हर व्यक्ति या संगठन की साजिश को ‘आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने' की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीति के तहत विफल कर दिया जाएगा.

अमित शाह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘तहरीक-ए-हुर्रियत, जम्मू-कश्मीर (टीईएच) को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत एक ‘गैरकानूनी संगठन' घोषित किया गया है. यह संगठन जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामिक शासन स्थापित करने की निषिद्ध गतिविधियों में शामिल है.''

पाकिस्तान समर्थक इस समूह का नेतृत्व पहले दिवंगत अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के हाथों में था. इसके बाद इसका नेतृत्व मसर्रत आलम भट के पास आ गया. भट को भारत विरोधी और पाकिस्तान के समर्थन में एजेंडा चलाने के लिए जाना जाता है.

भट फिलहाल जेल में है और उसकी पार्टी ‘मुस्लिम लीग ऑफ जम्मू कश्मीर' को 27 दिसंबर को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया गया था.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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