राजपथ के पास PM निवास बनाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने खाली किए 700 दफ्तर

मंत्रालय के करीब 7,000 अधिकारियों के नए कार्यालय अब मध्य दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग और चाणक्यपुरी के पास अफ्रीका एवेन्यू में स्थित होंगे.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
नई दिल्ली:

दिल्ली में डलहौजी रोड के आसपास स्थित रक्षा मंत्रालय (MoD) से संबंधित 700 से अधिक दफ्तारों को वहां से हटाया जाएगा और वहां पर सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत प्रधानमंत्री का नया निवास और दफ्तर बनाया जाएगा. मंत्रालय के करीब 7,000 अधिकारियों के नए कार्यालय अब मध्य दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग और चाणक्यपुरी के पास अफ्रीका एवेन्यू में स्थित होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को इन दोनों परिसरों का उद्घाटन करेंगे.

जानकारी के मुताबिक साउथ ब्लॉक के पास खाली हुई 50 एकड़ से ज्यादा जमीन का इस्तेमाल सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के 'एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव' को विकसित करने में किया जाएगा. नए एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव में पीएम आवास के अलावा कैबिनेट सचिवालय और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यालय होंगे.

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, "डलहौजी रोड के आसपास की ये सभी ऑफिस अगले दो महीनों में खाली कर दी जाएंगी और नए कार्यालय स्थायी होंगे.'

उनके अनुसार, 27 अलग-अलग संस्थानों से जुड़े 7,000 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों - रक्षा मंत्रालय, सेवा मुख्यालय और अन्य अधीनस्थ कार्यालयों से जुड़े कार्यालयों को स्थानांतरित किया जा रहा है.

चाणक्यपुरी में अफ्रीका एवेन्यू में, नया MoD कॉम्प्लेक्स एक सात मंजिला इमारत है और इसमें केवल रक्षा मंत्रालय के कार्यालय होंगे. हालांकि, मध्य दिल्ली में अन्य कार्यालय एक आठ मंजिला इमारत होगी और परिवहन भवन और श्रम शक्ति भवन द्वारा साझा की जाएगी, जब तक कि केंद्रीय सचिवालय परिसर में उनके नए कार्यालय चालू नहीं हो जाते.

नए भवन आधुनिक सुविधाएं, कनेक्टिविटी और कैंटीन, बैंक आदि जैसी कल्याणकारी सुविधाएं भी होंगी. इन भवनों के स्थान इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वे पहले से मौजूद पेड़ों को नुकसान ना पहुंचा.

Advertisement

अधिकारियों ने कहा कि 5.08 लाख वर्ग फुट के निर्मित क्षेत्र के साथ तेरह कार्यालयों को अफ्रीका एवेन्यू में स्थानांतरित किया जा रहा है. इन कार्यालय परिसरों का निर्माण रक्षा मंत्रालय द्वारा प्रदान की गई ₹ 775 करोड़ की लागत से किया गया है.

एक अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया, 'आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने अपने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत काम किया है. अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए ऑफिस स्पेस के अलावा इनमें 1500 से अधिक कारों के लिए मल्टी लेवल कार पार्किंग का प्रावधान है.'

Advertisement
Topics mentioned in this article