पिछले 8 सालों में पेट्रोल पर केंद्रीय टैक्स 4 गुना और डीजल पर 8 गुना बढ़ा, जानें हर साल कितना पड़ा बोझ

"पेट्रोल और डीजल की कीमतें 26 जून 2020 और 19 अक्टूबर 2014 से बाजार से निर्धारित होने वाली बना दी गई. तब से सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनियां (ओएमसी) इसकी कीमतें तय करती हैं."

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नई दिल्ली:

2014 में भाजपा के सत्ता में आने से पहले पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर था. यह मई, 2020 में रिकॉर्ड वृद्धि के साथ 32.98 रुपये और 31.83 रुपये प्रति लीटर हो गया. सोमवार को उच्च सदन को यह जानकारी दी गई. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली के एक लिखित उत्तर के मुताबिक, नवंबर 2021 और मई 2022 के बीच पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 13 रुपये और 16 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2014-15 में पेट्रोलियम क्षेत्र में शुल्क और करों से 1.72 लाख करोड़ रुपये कमाए, जो वर्ष 2021-22 में बढ़कर 4.92 लाख करोड़ रुपये हो गए. राज्यों को इस क्षेत्र का योगदान 1.6 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2.82 लाख करोड़ रुपये हो गया. तेली के जवाब के अनुसार, सात साल की अवधि के दौरान केंद्र सरकार की पेट्रोलियम क्षेत्र से आय में 186 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि राज्यों को इस क्षेत्र से 75 प्रतिशत अधिक राजस्व प्राप्त हुआ.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में गिरावट से होने वाले लाभ को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने नवंबर 2014 और जनवरी 2016 के बीच 10 मौकों पर पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाया. कुल मिलाकर, पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 12 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13.77 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई.

सरकार ने अक्टूबर 2017 में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की. एक साल बाद पेट्रोल पर फिर से दो रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 1.5 रुपये की कटौती की गई. जवाब में बताया गया है कि जुलाई 2019 में, टैक्स में दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई.

महामारी की शुरुआत के बाद जब साल 2020 में अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतें टूट गईं, तो सरकार ने मार्च 2020 और मई 2020 के बीच दो किस्तों में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 13 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 16 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की. ये बढ़ोतरी नवंबर 2021 और मई 2022 में वापस ले ली गई थी. पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क अब 19.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 15.80 रुपये है.

तेली ने एक अलग जवाब में कहा, "पेट्रोल और डीजल की कीमतें क्रमशः 26 जून 2020 और 19 अक्टूबर 2014 से बाजार से निर्धारित होने वाली बना दी गई हैं. तब से सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनियां (ओएमसी) पेट्रोल और डीजल के मूल्य निर्धारण पर उचित निर्णय लेती हैं."

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