सरकारी परीक्षाओं में प्रश्न पत्र की लीक, आंसर-की लीक, किसी भी तरह की चीटिंग, गड़बड़ियों और अनियमितताओं से सख्ती से निपटने के लिए सरकार लोक परीक्षा (अनुचित साधन का निवारण) विधेयक 2024 लेकर आई है. विधेयक में UPSC, SSC, बैंकिंग, रेलवे, JEE, NEET, CUET सहित शैक्षणिक संस्थाओं में एडमिशन और नौकरियों में प्रवेश के लिए सरकार द्वारा आयोजित सभी सार्वजनिक परीक्षाओं को शामिल करने का प्रस्ताव है.
विधेयक में सजा और जुर्माने के ये होंगे प्रावधान
- विधेयक के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले दोषियों को न्यूनतम 3 से 5 साल तक की कैद और 10 लाख तक की पेनल्टी का प्रावधान है.
- विधेयक में संगठित अपराध से जुड़े केस में 5 से 10 साल तक की कैद और न्यूनतम एक करोड़ रुपये जुर्माना का प्रस्ताव है.
- सर्विस प्रोवाइडर पर भी नियमों के उल्लंघन पर 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना और परीक्षा की आनुपातिक लागत की वसूली (Proportionate cost of examination shall be recovered from such service provider) का प्रस्ताव शामिल है.
गौरतलब है कि इस विधेयक के तहत सभी अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-शमनयोग्य होंगे, जिसका अर्थ है कि पुलिस को खुद कार्रवाई करने (और बिना वारंट के संदिग्धों को गिरफ्तार करने) का अधिकार होगा. साथ ही आरोपी जमानत का हकदार नहीं होगा और कथित अपराधों को समझौते के माध्यम से नहीं सुलझाया जा सकता.
पेपर लीक के कारण देश में बढ़ी है चिंता
देश में पेपर लीक को लेकर चिंता बढ़ रही है. राजस्थान में नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दिसम्बर 2023 में सत्ता में आने के बाद पहला बड़ा फैसला सरकारी नौकरियों में भर्ती से जुड़ी परीक्षाओं के पेपर लीक मामलों की जांच के लिए एसआईटी के गठन को लेकर किया था.
देश में सरकारी परीक्षाओं की प्रक्रिया को पारदर्शी और कारगर बनाने और पेपर लीक की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए ये बिल अहम साबित होगा.
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