केंद्र सरकार लाने जा रही है Digital India Bill, मसौदा जल्द ही पब्लिक कंसल्टेशन के लिए किया जाएगा सार्वजनिक

नए कानून को लेकर साइबर और आईटी कानून विशेषज्ञ पवन दुग्गल ने कहा कि यह साइबर क्राइम का गोल्डन युग है, हमें सख्त सजा का प्रावधान करना होगा.

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नई दिल्ली:

देश में बढ़ते साइबर अपराधों पर नकेल कसने और इंटरनेट और आईटी सेक्टर को सख्ती से रेगुलेट करने के लिए तैयार "Digital India Bill" का मसौदा जल्दी ही पब्लिक कंसल्टेशन के लिए सार्वजनिक किया जायेगा.  ये नया बिल 23 साल पुराने "इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000" की जगह लेगा.  न्यूज़ एजेंसी PTI के मुताबिक प्रस्तावित "डिजिटल इंडिया बिल" के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर सरकार दोषी संस्थाओं पर 500 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान बिल में शामिल कर सकती है. किसी दोषी संस्था पर जुर्माने कितना हो ये प्रस्तावित डिजिटल इंडिया अथॉरिटी तय करेगी. 

नए कानून में ओपन इंटरनेट और ऑनलाइन सेफ्टी पर जोर

सूत्रों के मुताबिक प्रस्तावित बिल में डिजिटल सिटीजन्स के लिए ओपन इंटरनेट और ऑनलाइन सेफ्टी पर ज़ोर होगा. साल 2000 में जब IT Act बना, उस समय देश में 55 लाख इंटरनेट यूज़र्स थे. आज इनकी संख्या बढ़कर 85 करोड़ से ज़्यादा हो गयी है. पिछले 23 साल में नए बिचौलियों जैसे ई-कॉमर्स, डिजिटल मीडिया, सोशल मीडिया, एआई, ओटीटी और गेमिंग सामने आये हैं. इन्हे सख्ती से रेगुलेट करने के लिए प्रस्तावित बिल में नए प्रावधान शामिल किये जायेंगे.

नए कानून में साइबर क्राइम, साइबर सुरक्षा और हैकिंग के अलावा Catfishing, डॉक्सिंग, Cyber stalking, साइबर ट्रोलिंग, Phishing जैसे साइबर-अपराधों के खिलाफ भी प्रस्तावित बिल में सख्त नियम शामिल करने की तैयारी है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बच्चों की प्राइवेसी और सुरक्षा, Gaming और Betting Apps से निपटने के लिए भी प्रस्तावित बिल में सख्त नियन होंगे. 

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देश में लगातार बढ़ रही है साइबर अपराध

इस प्रस्तावित कानून का ड्राफ्ट ऐसे समय पर किया गया है जब देश में साइबर अपराध की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने पिछले महीने 9 अगस्त को संसद में दिए एक लिखित जवाब में कहा था कि  2019 में देश में 44735 साइबर अपराध के मामले दर्ज़ किये गए थे. 2020 में साइबर अपराध के मामले बढ़कर 50,035 पहुंच गए. एक साल बाद. 2021 में ये और बढ़कर 52,974 तक पहुंच गए. प्रधानमंत्री मोदी ने 2025-26 तक भारत को एक ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल इकॉनमी बनाने का लक्ष्य तय किया है. ये बिल इस लक्ष्य को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है.

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आईटी कानून विशेषज्ञ पवन दुग्गल ने क्या कहा? 

नए कानून को लेकर साइबर और आईटी कानून विशेषज्ञ पवन दुग्गल ने कहा कि यह साइबर क्राइम का गोल्डन युग है हमें सख्त सजा का प्रावधान करना होगा.मौजूदा आईटी एक्ट दो-तीन साइबर क्राइम को छोड़कर बाकी को जमानती अपराध मानता है. पिछले दो दशकों में साइबर क्राइम के मामलों में हम ज्यादा conviction नहीं करा पाए हैं..भारत में साइबर क्राइम के मामलों में conviction का रेशियो 1% से भी कम है क्योंकि प्रॉसीक्यूशन के सामने यह चुनौती होती है. किस तरह कोर्ट में इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस साइबर क्राइम के मामलों में पेश करें.

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