मणिपुर हिंसा के पीड़ितों को सुरक्षा दे केंद्र और राज्य सरकार : सुप्रीम कोर्ट 

पीठ में न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला भी शामिल हैं.न्यायालय ने उपासना स्थलों की सुरक्षों के लिए उपयुक्त कदम उठाने का भी आदेश दिया है.

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा को लेकर की टिप्पणी
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा के पीड़ितो को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. कोर्ट ने केंद्र और मणिपुर सरकार से हिंसा में पीड़ित लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है. साथ ही उनके पुनर्वास के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा गया है. न्यायालय का यह निर्देश इन दलीलों पर संज्ञान लेने के बाद आया कि बीते दो दिनों में मणिपुर में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है.

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने हिंसा के बाद की स्थिति को मानवीय समस्या करार देते हुए कहा कि राहत शिविरों में उपयुक्त इंतजाम किए जाएं, वहां शरण लिए लोगों को भोजन, राशन और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं. 

सुरक्षा बलों की 52 कंपनियां तैनात

केंद्र और राज्य की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हिंसा से निपटने के लिए उठाये गए कदमों से पीठ को अवगत कराया. उन्होंने बताया कि सेना और असम राइफल्स की टुकड़ियों के अलावा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 52 कंपनियां हिंसा प्रभावित इलाकों में तैनात की गई हैं.

"लोगों के पुनर्वास पर भी दिया जाए ध्यान"

पीठ ने सुनवाई के दौरान निर्देश दिया कि विस्थापित लोगों के पुनर्वास के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए जाएं.पीठ में न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला भी शामिल हैं.न्यायालय ने उपासना स्थलों की सुरक्षों के लिए उपयुक्त कदम उठाने का भी आदेश दिया है.

मैतेई समुदाय के लोग हैं बहुसंख्यक

मणिपुर के पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों और इंफाल घाटी में रहने वाले बहुसंख्यक समुदाय मैतेई के बीच हिंसक झड़पों में अब तक 50 से अधिक लोग मारे गए हैं.मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की उसकी मांग को लेकर यह हिंसा भड़की थी.

23 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला गया

हिंसा के कारण 23,000 लोगों ने सैन्य छावनियों और राहत शिविरों में शरण लिया हुआ है.सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई 17 मई के लिए निर्धारित कर दिया और केंद्र और राज्य को तब तक अद्यतन स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Justice BV Nagarathna ने सुनाई 2 वकीलों की रोचक कहानी, एक बने राष्ट्रपति तो दूसरे CJI | EXCLUSIVE
Topics mentioned in this article