कोल इंडिया और बिजली उत्पादक कंपनियों के लगातार बढ़ रहे बकाया राशि को लेकर केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को आगाह किया है. कोयले और बिजली के बिल का भुगतान करने में देरी को लेकर दी नसीहत दी गयी है. उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र और राजस्थान सरकारों को केंद्र सरकार की ओर से ऊर्चा सचिव आलोक कुमार ने अलग-अलग पत्र भेजे हैं. ऊर्चा सचिव ने राज्य के मुख्य सचिवों को कहा कि वे बिजली कंपनियों और कोल कंपनियों के बकाया भुगतान के लिए राज्य की यूटीलिटी को कहें.
ऐसा न होने पर उनके राज्यों में बिजली की आपूर्ति पर गंभीर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. बकाए का भुगतान न होने से न केवल बिजली उत्पादन में आपूर्ति संबंधी समस्या आ रही है बल्कि इससे इस क्षेत्र में नए निवेश पर भी असर पड़ रहा है. गौरतलब है कि इन सभी राज्यों का बिजली कंपनियों और कोल इंडिया पर करोड़ों रुपए का बकाया है. उत्तर प्रदेश का बिजली कंपनियों को 9,372.49 करोड़ रुपए और कोल इंडिया को 319.82 करोड़ रुपया बकाया है.
इसी तरह, तमिलनाडु का 20,842.53 करोड़ रुपए और 729.60 करोड़ रुपए, महाराष्ट्र का 18,014.54 करोड़ रुपए और 2573.19 करोड़ रुपए, राजस्थान का 11,176.38 करोड़ रुपए और 307.86 करोड़ रुपए, मध्य प्रदेश का 5,030.19 करोड़ रुपए और 256.04 करोड़ रुपए और जम्मू-कश्मीर का बिजली कंपनियों को 7,275.12 करोड़ रुपया बकाया है.
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