कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के चलते साल 2021 की जनगणना (Census 2021) के लिए आवासीय स्थितियों और सुविधाओं से संबंधित जमीनी कामकाज में देरी हुई लेकिन इस साल इसे आरंभ किया जा सकता है. कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा (Anand Sharma) के नेतृत्व वाली गृह मामलों की संसद की स्थायी समिति ने मंत्रालय की अनुदान मांगों पर अपनी रिपोर्ट में कहा कि जनगणना के लिए मद वार और वर्ष वार गतिविधियों के बंटवारे के मुताबिक जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के लिए पूर्व जांच की तैयारी कर ली गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने समिति से कहा कि 2021 की जनगणना के पहले चरण का जमीनी कामकाज 2021-22 के दौरान किया जाएगा. इसकी समयसीमा अभी तक निर्धारित नहीं की गई है. इस चरण में आवासीय स्थितियों, सुविधाओं और संपत्तियों से संबंधित आंकड़े जुटाए जाएंगे.
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जनगणना का यह चरण अप्रैल 2020 से सितंबर 2020 के बीच किया जाना था लेकिन महामारी की वजह से नहीं किया जा सका. पुन:निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक जनसंख्या गणना का चरण 2022-2023 में किया जाएगा. यह काम भी पहले किया जाना था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसमें भी विलंब हुआ.
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वर्ष 2022-23 के दौरान जनसांख्यिकी, धर्म अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति जनसंख्या, भाषा, साक्षरता और शिक्षा, आर्थिक गतिविधि और पलायन संबंधी जनगणना होगी.
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