जम्मू में मुठभेड़ में सेना के जेसीओ शहीद, घुसपैठ की कोशिश नाकाम

अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ में एक जेसीओ घायल हो गया.  उन्होंने बताया कि पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और अतिरिक्त बल तैनात किया गया है तथा अंतिम रिपोर्ट मिलने तक तलाश अभियान जारी था.

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आतंकवादियों और सेना के बीचे भीषण गोलीबारी हुई, जो काफी देर तक जारी रही.
श्रीनगर:

जम्मू के अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) शहीद हो गए, लेकिन आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी गई. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों के मुताबिक, सतर्क जवानों ने शुक्रवार देर रात केरी भट्टल क्षेत्र में अग्रिम वन क्षेत्र में एक नाले के पास भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के एक समूह को देखा और उन्हें चुनौती दी, जिसके बाद भीषण गोलीबारी हुई जो काफी देर तक जारी रही. ऐसी खबरें हैं कि जेसीओ की मौत हो गई. लेकिन आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं की गई है.

पूरे इलाके की घेराबंदी की गई

अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ में एक जेसीओ घायल हो गया.  उन्होंने बताया कि पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और अतिरिक्त बल तैनात किया गया है तथा अंतिम रिपोर्ट मिलने तक तलाश अभियान जारी था. इसी क्षेत्र में 11 फरवरी को आतंकवादियों द्वारा किए गए एक विस्फोट में एक कैप्टन सहित दो सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे तथा एक अन्य घायल हो गया था.

यह ताजा घटना भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू- कश्मीर के पुंछ जिले में सीमा प्रबंधन से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए ब्रिगेड कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग के दो दिन बाद हुई है. सीमा पार से गोलीबारी की लगभग एक दर्जन घटनाओं और एक आईईडी हमले के बाद तनाव कम करने के प्रयास में यह फरवरी के बाद से दूसरी ऐसी बैठक थी. भारतीय सेना ने सीमा पार से होने वाली आतंकवादी गतिविधियों और संघर्ष विराम उल्लंघन को लेकर अपने समकक्षों के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है.

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