पश्चिम बंगाल (West Bengal) के दक्षिण 24 परगना जिले के जॉयनगर में सोमवार (13 नवंबर) को तृणमूल कांग्रेस (TMC) के एक नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सैफुद्दीन लस्कर (47) की हत्या के बाद आक्रोशित समर्थकों ने दो हमलावरों को पकड़ लिया और उनकी पिटाई कर दी. इस हमले में एक आरोपी की मौत हो गई, जबकि दूसरे को पुलिस किसी तरह बचाकर अपने साथ ले गई. इस बीच सीसीटीवी के एक फुटेज से तृणमूल कांग्रेस के नेता की हत्या से जुड़े अहम सुराग मिले हैं. ये सीसीटीवी फुटेज में टीएमसी नेता की हत्या से कुछ देर पहले का है. फुटेज में संदिग्धों को पीड़ित सैफुद्दीन लस्कर के पास से गुजरते हुए देखा जा सकता है.
पुलिस का कहना है कि उन्होंने सैफुद्दीन लस्कर ((Saifuddin Lashkar)) को गोली मारने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने दावा किया है कि आरोपी ने अपना अपराध कबूल कर लिया है. पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज से हमलावरों की संख्या के बारे में सुराग मिला है. सूत्रों का कहना है कि जांच से यह भी पता चला है कि यह एक कॉन्ट्रैक्ट किलिंग का मामला था, लेकिन पुलिस ने अभी तक हत्या के पीछे के मकसद की पुष्टि नहीं की है.
भीड़ ने की संदिग्ध की पीट-पीटकर हत्या
आक्रोशित भीड़ ने इस दौरान एक संदिग्ध की पीट-पीटकर हत्या भी कर दी. मृतक की पहचान शहाबुद्दीन लस्कर के तौर पर हुई है. शहाबुद्दीन लस्कर की विधवा जरीना लस्कर ने कहा, "मेरे पति ने किसी भी पार्टी के लिए काम नहीं किया. वह वोट देकर वापस आ जाते थे. उन्हें किसी भी पार्टी के लिए काम करने में कोई दिलचस्पी नहीं थी." यह पूछे जाने पर कि क्या परिवार राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से जुड़े थे? उन्होंने हां में जवाब दिया.
सैफुद्दीन लस्कर की हत्या के बाद 3 मामले दर्ज
इस बीच सैफुद्दीन लस्कर की हत्या के बाद तीन मामले दर्ज किये गये हैं. हत्या के मामले के अलावा, शहाबुद्दीन लस्कर की भीड़ द्वारा की गई हत्या और तृणमूल नेता की हत्या के बाद हुई आगजनी को लेकर भी दो मामले दर्ज किए गए हैं. तनाव के बीच इलाके में भारी पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है.
टीएमसी नेताओं ने सीपीएम पर लगाए आरोप
स्थानीय तृणमूल नेताओं ने सैफुद्दीन की हत्या में सीपीएम समर्थकों के शामिल होने का आरोप लगाया है. हालांकि, सीपीएम के वरिष्ठ नेता सुजान चक्रवर्ती ने आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने कहा, "ये हत्या तृणमूल के भीतर आंतरिक कलह का परिणाम है. सीपीएम को दोष देने का कोई फायदा नहीं है".
सुजान चक्रवर्ती को हिंसा प्रभावित गांव में जाने से पुलिस ने रोका
इस बीच सुजान चक्रवर्ती और अन्य वामपंथी नेताओं को पुलिस ने उस गांव में जाने से रोक दिया, जहां सीपीएम समर्थकों के घरों में आग लगा दी गई थी. अन्य विपक्षी नेताओं को भी पुलिस ने रोका है.
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