न्यूजक्लिक द्वारा कथित एफसीआरए उल्लंघन की जांच के लिए CBI ने दर्ज किया मामला : सूत्र

CBI से पहले इस कथित फंडिंग की जांच दिल्ली पुलिस, ईडी और आईटी भी कर रही है. ईडी ने इस मामले में पीएमएलए के तहत पहले ही मामला दर्ज किया है.

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'न्यूजक्लिक' के खिलाफ अब सीबीआई ने दर्ज किया मामला
नई दिल्ली:

'न्यूजक्लिक' से जुड़े लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. सूत्रों के अनुसार अब इस कथित फंडिंग मामले की जांच के लिए CBI ने भी एक मामला दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर दी है. CBI इस मामले की जांच को लेकर अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर रही है. बता दें कि न्यूजक्लिक पर भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने का आरोप है. CBI से पहले इस कथित फंडिंग की जांच दिल्ली पुलिस, ईडी और आईटी भी कर रही है. ईडी ने इस मामले में पीएमएलए के तहत पहले ही मामला दर्ज किया है. जबकि दिल्ली पुलिस ने यूएपीए के तहत इस मामले की जांच कर रही है. दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के तहत केस दर्ज किया है. 

गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट समाचार पोर्टल ‘न्यूजक्लिक' के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और मानव संसाधन विभाग के प्रमुख अमित चक्रवर्ती की गिरफ्तारी के खिलाफ दाखिल एक याचिका पर बीते शुक्रवार को सुनवाई करने पर सहमत हो गया था. NDTV के पास इस मामले की एफआईआर की कॉपी है. एफआईआर के मुताबिक, चीन से जुड़ी संस्थाओं के साथ कथित संबंधों के लिए न्यूज़ वेबसाइट न्यूज़क्लिक की जांच की जा रही है. न्‍यूजक्लिक पर "भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने" की साजिश का आरोप लगाया गया है.  

एफआईआर में न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ, वेबसाइट के मानव संसाधन (एचआर) विभाग के प्रमुख अमित चक्रवर्ती और कई पत्रकारों और सोशल एक्टिविस्‍ट के नाम शामिल हैं और उन पर "भारत के खिलाफ असंतोष पैदा करने" और "देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को खतरे में डालने" की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है.

आइए जानते हैं क्या है Newsclick मामला? इसमें नेविल रॉय सिंघम का क्या है कनेक्शन और आखिर चीन की क्या है चाल:-

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अमेरिका के अखबार 'न्यूयॉर्क टाइम्स' की रिपोर्ट में कहा गया है कि नेविल रॉय सिंघम चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के तथाकथित स्मोकलेस वॉर के मुख्य किरदार हैं. शी जिनपिंग के कार्यकाल में चीन ने अपने सरकारी मीडिया के प्रभाव को बढ़ाया है. इंटरनेशनल मीडिया संस्थानों के साथ अलायंस बनाया है. चीन ने अपने प्रोपेगैंडा को आगे बढ़ाने के लिए विदेशी इनफ्लूएंसर्स की मदद ली है.

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साल 2021 में ईडी ने की जांच में सामने आया था कि न्यूजक्लिक को 38 करोड़ रुपये का विदेशी फंड मिला था. इसके तार भी सिंघम से जुड़े. न्यूयॉर्क टाइम्स की जांच के मुताबिक चीन अपनी प्रोपेगेंडा मशीनरी के जरिए खुद को अंतरराष्ट्रीय आलोचना से बचाने में सफल रहा है. इसमें सिंघम की अहम भूमिका रही है. चीन पर मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप लगते रहते हैं.

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शंघाई में टाइम्स स्क्वायर की 18वीं मंजिल पर है न्यूज़क्लिक का दफ्तर
रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन के शंघाई में टाइम्स स्क्वायर की 18वीं मंजिल पर इसका एक दफ्तर है. जहां से कथित तौर पर चीन के साथ मिलकर तमाम देशों में नेटवर्क फैलाने का काम होता है. न्यूज़क्लिक को अमेरिका स्थित कंपनी से FDI में 9.6 करोड़ रुपये मिले. आरोप है कि अमेरिका में स्थित M/s Worldwide Media Holdings LLC ने न्यूज़क्लिक के शेयर 11,510/शेयर पर ख़रीदे.

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