CBI ने कथित बैंक धोखाधड़ी मामले में जेट एयरवेज के ऑफिस और फाउंडर के घर की तलाशी ली

CBI ने मुंबई में जेट एयरवेज से जुड़े सात परिसरों पर तलाशी ली है. इनमें  जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल और अनीता गोयल का घर भी शामिल है. साथ ही गौरंगा आनंद शेट्टी के यहां भी छापेमारी की गई है.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
सीबीआई ने जेट एयरवेज के संस्थापक के घर ली तलाशी
नई दिल्ली:

CBI ने कथित बैंक धोखाधड़ी मामले में शुक्रवार को जेट एयरवेज के ऑफिस और फाउंडर के घर की तलाशी ली. CBI ने जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल और अन्य के खिलाफ केनरा बैंक से 538 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी को लेकर एक मामला भी दर्ज किया है. मिली जानकारी के अनुसार CBI ने मुंबई में जेट एयरवेज से जुड़े सात परिसरों पर तलाशी ली है. इनमें  जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल और अनीता गोयल का घर भी शामिल है. साथ ही गौरंगा आनंद शेट्टी के यहां भी छापेमारी की गई है.

जेट एयरवेज, जो कभी भारत की सबसे बड़ी निजी एयरलाइंस थी, ने अप्रैल 2019 में गंभीर नकदी संकट और बढ़ते कर्ज के कारण अपने ऑपरेशन्स को निलंबित तक कर दिया था. लंबे समय से चली आ रही दिवाला प्रक्रिया के बाद, जून 2021 में एयरलाइन को जालान-कलरॉक के एक कंसोर्टियम ने अपने कब्जे में ले लिया था.

कोर्ट ने ईडी की ईसीआईआर को किया था रद्द

बता दें कि कुछ महीने पहले ही बंबई उच्च न्यायालय ने कथित धन शोधन मामले में जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनिता गोयल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) को रद्द कर दिया था. केंद्रीय जांच एजेंसी की ईसीआईआर ‘अकबर ट्रैवल्स' द्वारा की गई एक शिकायत पर कथित धोखाधड़ी और जालसाजी के लिए गोयल दंपति के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी पर आधारित थी.

ईसीआईआर FIR के समान होती है

दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चह्वाण की खंडपीठ ने 20 फरवरी 2020 को दर्ज ईसीआईआर और गोयल दंपती के खिलाफ सभी कार्यवाही ‘‘गैरकानूनी और कानून के विपरीत होने'' के आधार पर रद्द कर दी थी. आम तौर पर ईसीआईआर एक तरह से प्राथमिकी के समान होती है जो पुलिस, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और कोई अन्य एजेंसी आपराधिक मामले के आधार पर दर्ज करती थी.

इससे पहले, गोयल दंपती के वकील रवि कदम और आबाद पोंडा ने दलील दी थी कि ईसीआईआर 2018 में मुंबई पुलिस में दर्ज एक शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी. लेकिन मार्च 2020 में पुलिस ने यह कहते हुए अंतिम रिपोर्ट दाखिल की थी कि उन्हें शिकायत में कुछ ठोस नहीं मिला और यह विवाद दीवानी प्रकृति का नजर आता है. मजिस्ट्रेट अदालत ने इस रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया था.

Featured Video Of The Day
Iran Hijab Controversy: फिलहाल तो कानून टल गया है कब तक रहेगी ईरान की महिलाओं को राहत? | NDTV Duniya
Topics mentioned in this article