- CBI ने गुजरात के गांधीनगर में CGDA में तैनात एक ऑडिटर को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया
- ऑडिटर ने पुणे एयरफोर्स बेस के CCTV सप्लाई ऑर्डर में 2% कमीशन के रूप में चार लाख रुपये रिश्वत मांगी
- सीबीआई ने 30 सितंबर को जाल बिछाकर आरोपी को 3 लाख 50 हजार रुपये लेते हुए पकड़ लिया
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने दो अलग-अलग मामलों में दो सरकारी अफसरों को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ दबोच लिया. पहला मामला गांधीनगर (गुजरात) का है, जहां इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल एडवाइजर (IFA), कंट्रोलर जनरल ऑफ डिफेंस अकाउंट्स (CGDA) में तैनात एक ऑडिटर को पकड़ा गया. दूसरा मामला नांदेड़ (महाराष्ट्र) से जुड़ा है, जहां रेलवे डिविजनल हॉस्पिटल, हिंगोली गेट के चीफ ऑफिस सुपरिंटेंडेंट को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है.
एयरफोर्स बेस के लिए CCTV ऑर्डर पर 2% कमीशन
कंट्रोलर जनरल ऑफ डिफेंस अकाउंट्स (CGDA) में तैनात एक ऑडिटर के खिलाफ दर्ज शिकायत में कहा गया है कि यह अफसर पुणे एयरफोर्स बेस के CCTV सप्लाई ऑर्डर को क्लियर करने के नाम पर 2% कमीशन यानी 4 लाख रुपए रिश्वत मांग रहा था. सीबीआई की टीम ने 30 सितंबर को जाल बिछाया और आरोपी को 3.5 लाख रुपये लेते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया. इस अधिकारी को गिरफ्तार कर अहमदाबाद से ट्रांजिट रिमांड पर पुणे लाया गया, जहां कोर्ट ने उसे 4 अक्टूबर तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया है.
2 लाख के बिल पास करने के लिए 20 हजार रिश्वत
रिश्वत का दूसरा मामला नांदेड़ (महाराष्ट्र) से जुड़ा है. यहां रेलवे डिविजनल हॉस्पिटल, हिंगोली गेट के चीफ ऑफिस सुपरिंटेंडेंट को पकड़ा गया है, जिस पर 20 हजार रुपये रिश्वत लेने का आरोप है. आरोप है कि इस अफसर ने एक कंपनी का 91,576 रुपये का लंबित बिल और 1.25 लाख का परफॉर्मेंस गारंटी पास करने के लिए रिश्वत मांगी. पहले तो उसने 25,000 रुपये की मांग की, लेकिन बाद में 20,000 रुपये पर डील फाइनल हुई. सीबीआई ने 29 सितंबर को उसके घर पर रेड डालकर उसे 20,000 रुपये लेते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया. दोनों मामलों में सीबीआई ने आरोपियों के घर और दफ्तरों पर तलाशी भी ली है.