CBI ने 43 आरोपियों में से तीन की 7 दिनों की सीबीआई कस्टडी की मांग की.. जबकि 40 आरोपियों को न्यायिक हिरासत मे भेजे जाने की मांग कोर्ट से की. CBI की ओर से कोर्ट को बताया गया कि ये बहुत गम्भीर मामला है जिसका देश- विदेश में प्रभाव है. हमे आरोपियो के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले है. लेकिन अभी मास्टरमाइंड का पता नहीं चला है. हमने तीन लोगों की पहचान की है जिनसे पूछताछ के जरिये हमें पता चला है कि हम इस केस के तह तक जा सकते हैं.
CBI ने बताया कि हमारे पास विदेशी नागरिकों से बातचीत की रिकॉर्डिंग मौजूद है. इस बातचीत में इनके अपराध के अंजाम के तरीके के बारे में बात की गई है. सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि 15 मिलियन US डॉलर के लेन देन का हमे शक है. इस बारे में तहकीकात के लिए कस्टडी ज़रूरी है.
आरोपियों के वकील ने दलील दी कि कोर्ट से सर्च वारंट लेने के बाद 24 को CBI का का कॉल सेंटर सर्च ऑपरेशन शुरू हो गया था. इन सबको बाहर जाने की इजाज़त नहीं थी. लेकिन आरोपियों को CBI ने 26 जुलाई को कोर्ट के सामने पेश किया. इस लिहाज से देखा जाए तो ये 24 से 26 जुलाई तक CBI हिरासत में ही थे.
वकील ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के पुराने फैसलों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि इन फैसलों में दी गई व्यवस्था के मुताबिक, इस केस में आरोपियों की गिरफ्तारी पूरी तरह अवैध और गैरकानूनी है.
वकील ने कहा, इस केस में गिरफ्तारी और रिमांड से जुड़ी ज़रूरी क़ानूनी प्रकिया का CBI ने पालन नहीं किया. आरोपियों की गिरफ्तारी का आधार नहीं बताया गया. FIR और रिमांड की कॉपी नहीं दी गई.आज भी कोर्ट के कहने के बाद रिमांड की कॉपी आरोपियों के वकील को को उपलब्ध कराई गई है.
आरोपियों के वकील ने पुराने फैसलों के हवाला देते हुए कहा कि चूंकि इस केस में 24घण्टे की समयसीमा में आरोपियों को कोर्ट में पेश नहीं किया गया, इस लिहाज से गिरफ्तारी और रिमांड रद्द होनी चाहिए.
क्या है पूरा मामला?
केंद्रीय जांच एजेंसी CBI ने साइबर ठगी के आरोप में गुरुग्राम से 43 लोगों को गिरफ्तार किया है. इन पर आरोप है कि ये कॉल और फेक लिंक की मदद से विदेशी लोगों को अपना निशाना बना रहे थे. जानकारी के मुताबिक, इन आरोपियों की तलाश FBI, इंटरपोल समेत कई देशों की जांच एजेंसियां कर रही थी.
ऑपरेशन चक्र 2 के तहत पकड़े गए आरोपी
पकड़े गए आरोपी विदेशों में रह रहे नागरिकों को अपना निशाना बनाते थे. गुरुग्राम स्थित डीएलएफ में कॉल सेंटर चलाते थे. यहां से ये लोगों को ईमेल और सोशल मीडिया के जरिए संपर्क करते थे, ये लोग नागरिकों को एक लिंक डाउनलोड करने को कहते थे, फिर उनके साथ धोखाधड़ी करते थे. सीबीआई ने ऑपरेशन चक्र 2 के तहत इन लोगों को गिरफ्तार किया है.