केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने राज्यसभा के पूर्व सदस्य केडी सिंह (KD Singh) के खिलाफ उनकी कंपनियों में निवेश पर 10 गुना रिटर्न की पेशकश करके लोगों को कथित रूप से धोखा देने के लिए एफआईआर दर्ज की है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि एजेंसी ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पूर्व सांसद सिंह और उनके बेटे करणदीप सिंह सहित आठ अन्य लोगों के खिलाफ कथित तौर पर उनकी कंपनियों अल्केमिस्ट इंफ्रा रियलिटी लिमिटेड और अल्केमिस्ट टाउनशिप लिमिटेड में करोड़ों रुपये का निवेश करके लोगों को ठगने का मामला दर्ज किया है. अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने 12 स्थानों पर सिंह और मामले से जुड़े अन्य आरोपियों के परिसरों पर छापेमारी की. राज्यसभा की वेबसाइट के मुताबिक सिंह 2010 से 2014 तक संसद के सदस्य रहे.
केंद्रीय एजेंसी ने आजमगढ़ पुलिस से मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है, जिसने विजय कुमार चौहान नाम के एक व्यक्ति की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की थी. चौहान का आरोप है कि सिंह की कंपनियों में उसके और अन्य द्वारा निवेश किए गए धन में धोखाधड़ी और हेराफेरी की गई. चौहान ने आरोप लगाया कि उनसे क्रमश: छह साल, नौ साल और 16 साल की अवधि में निवेश को दो गुना, तीन गुना और 10 गुना करने के झूठे वादे किए गए. प्राथमिकी में आरोप लगाया गया, निवेशकों को हालांकि उनका पैसा वापस नहीं मिला. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में केंद्र सरकार से सितंबर 2021 में सीबीआई जांच की मांग की थी.
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने इस साल 28 जून को इसे सीबीआई को सौंप दिया, जिसके बाद एजेंसी ने जांच अपने हाथ में ले ली. सीबीआई ने सिंह, उनके बेटे और सात अन्य लोगों - सतेंद्र सिंह, वी एम महाजन, सीएम जॉली, कृष्णा कबीर, सुचेता खेमकर, चंद्रशेखर चौहान और सुशील कुमार राय के खिलाफ आजमगढ़ पुलिस की एफआईआर फिर से दर्ज की थी.
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