बलात्कार पीड़िता की पहचान का मामला: राहुल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने संबंधी याचिका का निपटारा

राहुल गांधी की ओर से पेश वकील तरन्नुम चीमा ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ से कहा कि ट्वीट को हटा दिया गया है. सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पहले ट्विटर) के वकील ने पुष्टि की है कि राहुल गांधी ने उस ट्वीट को हटा लिया है, जिसमें उस नाबालिग दलित लड़की की पहचान का खुलासा होता था, जिसकी कथित तौर पर बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को उस याचिका का निपटारा कर दिया, जिसमें एक कथित बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर करने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई थी. अदालत ने पोस्ट को हटाने को लेकर राहुल गांधी, पुलिस और सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' की दलीलों पर गौर करने के बाद इस याचिका का निपटारा कर दिया.

राहुल गांधी की ओर से पेश वकील तरन्नुम चीमा ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ से कहा कि ट्वीट को हटा दिया गया है. सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' (पहले ट्विटर) के वकील ने पुष्टि की है कि राहुल गांधी ने उस ट्वीट को हटा लिया है, जिसमें उस नाबालिग दलित लड़की की पहचान का खुलासा होता था, जिसकी कथित तौर पर बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी.

दिल्ली पुलिस की ओर से पेश दिल्ली सरकार के वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने एक स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ 2021 में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी और जांच अभी जारी है.

उन्होंने कहा कि जब तक बलात्कार का मुख्य अपराध साबित नहीं हो जाता, तब तक कथित पीड़िता की पहचान उजागर करने का कृत्य अपराध नहीं बनता है और राहुल गांधी द्वारा पीड़िता की पहचान उजागर करने के मुद्दे पर जांच जारी है. किसी बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर करना भारतीय दंड संहिता की धारा 228ए के तहत अपराध है और इस अपराध के लिए दो साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है.

राहुल गांधी के उस पोस्ट के बाद, उनके अकाउंट को सोशल मीडिया मंच ने कुछ समय के लिए निलंबित कर दिया था लेकिन बाद में उसे बहाल कर दिया गया था. अदालत सामाजिक कार्यकर्ता मकरंद सुरेश म्हाडलेकर की 2021 की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिकाकर्ता की मांग थी कि ‘एक्स' पर लड़की की उसके माता-पिता के साथ तस्वीर पोस्ट कर उसकी पहचान उजागर करने के लिए राहुल गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए.

विभिन्न पक्षों की दलीलों पर गौर करने के बाद उच्च न्यायालय ने कहा कि याचिका में किए गए अनुरोध से वह संतुष्ट है और उसने याचिका का निपटारा कर दिया. अदालत ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के रजिस्ट्रार के कहने पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

Advertisement

याचिका के जवाब में, दिल्ली पुलिस ने कहा था कि जांच के आदेश दिए जाने और भारत में पोस्ट हटा लिए जाने जाने के बाद याचिका निरर्थक हो गई है. दिल्ली पुलिस ने सीलबंद लिफाफे में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने की अनुमति मांगी थी क्योंकि वह मामले को सनसनीखेज नहीं बनाना चाहती थी.

एनसीपीसीआर के वकील की दलील थी कि यौन उत्पीड़न पीड़िता की पहचान को अपराध सामने आने के समय से ही संरक्षित किया जाना चाहिए. कथित पीड़िता के परिवार के वकील ने खुली अदालत में आपराधिक मामले पर चर्चा होने पर आपत्ति जताई थी.

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Delhi Murder Case: Delhi to Mumbai, प्रेमी बने कातिल! Syed Suhail | Bharat Ki Baat Batata Hoon