केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने आज एक विशेष में इंटरव्यू में NDTV से कहा कि, बायो-ईंधन मिश्रण (Bio-fuel mixes) दुनिया भर में प्रयोग किए जा रहे हैं, और ऐसा कोई कारण नहीं है कि ब्राजील में चल रही जापानी या जर्मन कारें भारत में नहीं चल सकेंगी. भारत ने सप्ताहांत के G20 शिखर सम्मेलन के मौके पर वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (Global Biofuels Alliance) पर हस्ताक्षर किए हैं.
उन्होंने कहा कि, "(बायो फ्यूल का) 20 प्रतिशत का आंकड़ा (जैसा कि ऑटोमोबाइल निर्माताओं ने बताया) एक दिमागी समझ की समस्या है. ऑटोमोबाइल निर्माताओं ने कहा कि यदि आप बायो-ईंधन का प्रतिशत 20 के नीचे रखते हैं, तो कार के पुर्जे बदलने की जरूरत नहीं होगी... लेकिन यह स्व सेवाओं के लिए सलाह है."
उन्होंने कहा, वाहन निर्माता लोगों को चेतावनी देते रहे हैं कि बड़े पैमाने पर बायो-फ्यूल के उपयोग से इंजन की दक्षता कम हो जाएगी.
दुनिया भर में फ्लेक्सी-फ्यूल इंजन में बायो फ्यूल का इस्तेमाल
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "दुनिया भर में फ्लेक्सी-फ्यूल इंजन में बायो-फ्यूल का उपयोग किया जाता है. यह इसलिए तर्कसंगत है क्योंकि अगर फ्लेक्सी-फ्यूल इंजन का एक जापानी निर्माता, जिसमें कोई एक्सेलेरेशन की समस्या नहीं है, इसे ब्राजील में बेच सकता है, तो यह तय होता है कि यह भारत में भी बिक सकेगा."
उन्होंने कहा कि, बायो फ्यूल की दिशा में बदलाव खेती के लिए भी अच्छा है. उन्होंने कहा, "2040 तक आप देखेंगे कि जीवाश्म ईंधन (fossil fuels) खत्म हो रहा है और उसकी जगह ग्रीन हाइड्रोजन ले रहा है."
ब्राजील ने 100 प्रतिशत इथेनॉल पर विमान उड़ाया
इस दिशा में हवाई जहाजों में बायो फ्यूल का उपयोग करने पर काम पहले ही शुरू हो चुका है. पुरी ने कहा कि जहां ब्राजील ने 100 प्रतिशत इथेनॉल पर विमान उड़ाया है, वहीं भारत में पुणे-दिल्ली एयर एशिया की उड़ान एक प्रतिशत इथेनॉल के साथ चलाई गई है.
उन्होंने कहा, "हमने गणना की है कि अगर हमें एक प्रतिशत टिकाऊ विमानन ईंधन को अनिवार्य बनाना है तो हमें चार करोड़ लीटर की जरूरत होगी, जिससे हमारे 5,00,000 किसानों को लाभ होगा."