आतंकियों से लोहा लेते हुए देश पर कुर्बान हो गए दीपक, हॉकी के बेहतरीन खिलाड़ी थे शहीद कैप्टन

कैप्टन दीपक क्विक रिएक्शन टीम का नेतृत्व कर रहे थे. वो मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले थे.

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नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के डोडा जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में बुधवार को जारी एक अभियान के दौरान आतंकवादियों से मुठभेड़ में सेना के एक कैप्टन शहीद हो गए। माना जा रहा है कि मुठभेड़ में चार आतंकवादी भी मारे गए हैं. कैप्टन दीपक भारतीय सेना के 48 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे. जानकारी के अनुसार कैप्टन दीपक एक बेहतरीन हॉकी खिलाड़ी भी थे. कई मौकों पर उन्होंने शानदार खेल दिखाया था. 

जानकारी के अनुसार कैप्टन दीपक क्विक रिएक्शन टीम का नेतृत्व कर रहे थे. गौरतलब है कि हाल के दिनों में जम्मू कश्मीर में एक के बाद एक कई आतंकी घटनाएं हुई है. मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले 25 साल के कैप्टन दीपक का शव गुरुवार को देहरादून लाया जाएगा. उनका परिवार दून के रेसकॉर्स में रहता है. 

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अधिकारियों ने बताया कि शिवगढ़-अस्सार पट्टी में छिपे विदेशी आतंकवादियों की तलाश में सुरक्षाबलों और पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर संयुक्त तलाश अभियान शुरू किया और इस दौरान घने जंगल वाले इलाके में उनके बीच मुठभेड़ शुरू हो गई. उन्होंने बताया कि आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में कैप्टन दीपक सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए जिसके बाद उन्हें सैन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली.

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अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से चार बैग मिले हैं जिनमें खून लगा है. इससे यह समझा जा रहा है कि मुठभेड़ में चार आतंकवादी मारे गए हैं। साथ ही वहां से एम-4 कार्बाइन भी बरामद की गई हैं. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) आनंद जैन ने अपराह्न करीब दो बजे संवाददाताओं को बताया कि इलाके में अभियान अब भी जारी है. सेना ने अधिकारी की मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा कि सेना शोक संतप्त परिवार के साथ है.  सेना ने कहा कि ‘व्हाइट नाइट कोर' के सभी रैंक बहादुर कैप्टन दीपक सिंह के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं. 

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