"सावरकर के बलिदान को अनदेखा नहीं कर सकते लेकिन..." : राहुल गांधी के बयान पर बवाल के बाद बोले शरद पवार

शरद पवार ने कहा, ‘‘हमने सावरकर के बारे में कुछ बातें कही हैं, लेकिन वे व्यक्तिगत नहीं हैं. मैं हिंदू महासभा के खिलाफ था, लेकिन दूसरा पक्ष भी है. हम सावरकर द्वारा देश की आजादी के लिए दिए गए बलिदान की अनदेखी नहीं कर सकते हैं.’’

विज्ञापन
Read Time: 21 mins
शरद पवार ने कहा कि सावरकर राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है, यह पुरानी चीज हो गई है. (फाइल)
नागपुर :

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को कहा कि हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर के देश की आजादी के लिए दिए गए बलिदान की कोई अनदेखी नहीं कर सकता है, लेकिन उनसे असहमति को राष्ट्रीय मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए क्योंकि आज देश के समक्ष कई और मुद्दे हैं जिनपर ध्यान देने की जरूरत है. विदेश में कथित तौर पर भारत के खिलाफ बोलने को लेकर भाजपा के निशाने पर आए कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बचाव करते हुए पवार ने कहा कि वह पहले भारतीय नहीं हैं, जिन्होंने देश के मुद्दों पर विदेश में बात की है.

नागपुर के प्रेस क्लब में पवार ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की. इसके साथ ही वह केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के यहां स्थित आवास पर उनसे मिलने भी गए. 

जब पूछा गया कि क्या उन्होंने सावरकर के मुद्दे पर राहुल गांधी से बात की है और क्या कांग्रेस नेता दिवंगत हिंदुत्व विचारक की आलोचना में कमी लाएंगे तो पवार ने कहा कि हाल में 18-20 पार्टियां एक साथ बैठीं और देश के समक्ष मौजूद मुद्दों पर चर्चा की. 

उल्लेखनीय है कि भाजपा राहुल गांधी पर सावरकर का ‘अपमान' करने का आरोप लगा रही है. वह, उनके सम्मान में सावरकर गौरव यात्रा भी निकाल रही है. 

उन्होंने कहा, ‘‘मैं सुझाव दूंगा कि इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि जो इस समय सत्ता में हैं वे देश को किस ओर ले जा रहे हैं.''

पवार ने कहा, ‘‘आज, सावरकर राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है, यह पुरानी चीज हो गई है. हमने सावरकर के बारे में कुछ बातें कही हैं, लेकिन वे व्यक्तिगत नहीं हैं. मैं हिंदू महासभा के खिलाफ था, लेकिन दूसरा पक्ष भी है. हम सावरकर द्वारा देश की आजादी के लिए दिए गए बलिदान की अनदेखी नहीं कर सकते हैं.''

Advertisement

उन्होंने कहा कि करीब 32 साल पहले उन्होंने संसद में सावरकर के प्रगतिशील विचारों के बारे में बात की. पवार ने कहा कि सावरकर ने रत्नागिरी में मकान बनाया था और उसी के सामने छोटे से मंदिर का भी निर्माण कराया था. 

पवार ने बताया, ‘‘सावरकर ने मंदिर में पूजा की जिम्मेदारी बाल्मिकी समाज के व्यक्ति को दी थी. मेरा मनाना है कि वह बहुत ही प्रगतिशील बात थी.''

Advertisement

राकांपा नेता ने कहा कि राष्ट्रीय कथानक में सावरकर पर जोर देने की जरूरत नहीं है, खासतौर पर तब जब आम लोगों को चिंतित करने वाले कई बड़े मुद्दे हैं. 

ये भी पढ़ें :

* "सब कुछ ठीक है": सावरकर मुद्दे पर सोनिया गांधी-राहुल गांधी से मुलाकात के बाद बोले संजय राउत
* Exclusive: "सावरकर पर बयान नहीं देंगे राहुल गांधी...", कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की बैठक में हुआ फैसला
* "हमारी लड़ाई सावरकर से नहीं मोदी से है..."राहुल गांधी से बात करने के बाद बोले संजय राउत

Advertisement
Featured Video Of The Day
Sunil Pal और Mushtaq Khan अपरहण कांड में आरोपी लवी को UP के Bijnor से गिरफ्तार | BREAKING NEWS