कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा को लेकर तल्ख टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने कहा है कि चुनाव बाद हिंसा से राज्य सरकार मुकर रही है.कलकत्ता HC ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर शुक्रवार को आदेश जारी किया. कोर्ट ने चुनाव के बाद हिंसा की बात को माना है. कोर्ट ने पाया कि ममता बनर्जी सरकार गलती पर है और मुकर रही है, जब लोग मर रहे थे और नाबालिग लड़कियों को भी नहीं बख्शा गया. कई लोगों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया. कई लोगों को अपना घर-बार छोड़ना पड़ा, यहां तक कि दूसरे राज्य जाना पड़ा. हाईकोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट के अवलोकन से प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ता द्वारा लिया गया स्टैंड साबित होता है कि चुनाव के बाद हिंसा हुई है.
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अदालत ने कहा कि आज तक राज्य सरकार ऐसा माहौल नहीं बना पाई है कि पीड़ितों के बीच भरोसा जागे ताकि वे लोग घर वापस लौट सकें. पुलिस ने बहुत से पीड़ितों की शिकायत दर्ज नहीं की है और जबरन उन पर जवाबी केस लगाए.कोर्ट ने कहा कि दर्ज मुकदमों की जांच ढुलमुल तरीके से की गई और इस तरह के जघन्य अपराधों में शायद ही कोई गिरफ्तारी हुई हो. कुछ मामले दर्ज ही नहीं किए गए हैं. ज्यादातर मामलों में आरोपी जमानत पर छूट चुके हैं.
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रिपोर्ट से प्राप्त आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि राज्य के अधिकारी यह दावा करते रहे हैं कि उन्हें पीड़ितों द्वारा कोई शिकायत नहीं मिली थी, लेकिन जब शिकायतकर्ताओं को राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण या एनएचआरसी के पास शिकायत दर्ज करने का अवसर दिया गया, तो अधिकारियों के पास शिकायतों की बाढ़ आ गई. शिकायतकर्ता इतना डरे हुए हैं कि अपनी पहचान तक नहीं बता रहे हैं.कोर्ट ने कहा कि हिंसा में घायल हुए कई लोगों को इलाज में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है, राज्य की ओर से कोई समर्थन नहीं दिया गया. कुछ लोगों को राशन लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि गुंडों ने उनका राशन कार्ड छीन लिया.